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पर्यावरण के सच्चे प्रहरी वेदमणि जिन्होंने 15 हजार रुपये में 30 हजार पौधों से शुरू की थी नर्सरी

लीज पर आठ बिस्वा जमीन लेकर यह ग्रीन इंडिया के नाम से पौधशाला खोले हुए हैं। इस पौधशाला से उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश बिहार और दिल्ली से भी लोग पौधे लेने आते हैं। ग्रीन इंडिया नर्सरी के नाम से इनकी पौधशाला मजार तिराहा के पास है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 07:41 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 07:41 PM (IST)
पर्यावरण के सच्चे प्रहरी वेदमणि जिन्होंने 15 हजार रुपये में 30 हजार पौधों से शुरू की थी नर्सरी
वेदमणि पांडेय पौधशाला से बेहतर कमाई के साथ पर्यावरण सुरक्षा का भी संदेश लोगों को दे रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। बुलंद हौसले और कड़ी मेहनत के दम पर वेदमणि पांडेय पौधशाला से बेहतर कमाई के साथ पर्यावरण सुरक्षा का भी संदेश लोगों को दे रहे हैं। इन दिनों वह क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन कर उभरे हैं। युवाओं को भी पौधशाला कर आत्म निर्भरता की बारीकियों को बता रहे हैं।

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 उत्तर प्रदेश के अलावा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और विहार से आते हैं लोग

देखा जाय तो यह पर्यावरण के सच्चे प्रहरी की तरह काम कर रहे हैं। लीज पर आठ बिस्वा जमीन लेकर यह ग्रीन इंडिया के नाम से पौधशाला खोले हुए हैं। इस पौधशाला से उत्तर प्रदेश के अलावा, मध्य प्रदेश, बिहार और दिल्ली से भी लोग पौधे लेने आते हैं। ग्रीन इंडिया नर्सरी के नाम से इनकी पौधशाला मजार तिराहा के पास है। इस समय इनके पौधशाला में कल्प बृक्ष के साथ 200 से अधिक वेरायटी के छायादार, शोभाकार, फूलदार 50 हजार से अधिक पौधे उपलब्ध है। नर्सरी में 25 रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक के पौधे उपलब्ध हैं। नर्सरी में स्वर्ण रेखा प्रजाति का आम यहां आने वालों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। छोटे से पेड़ में दर्जनों फल देखने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं।

 उत्तर प्रदेश के अलावा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और विहार से आते हैं लोग

स्नातक की पढ़ाई के बाद इनका रुझान बागवानी की ओर तेजी से बढ़ा। 1991 में इन्होंने सबसे पहले एक पार्क से नर्सरी लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी। उस समय 15 हजार रुपये की लागत से 30 हजार पौधों से नर्सरी की शुरुआत की थी। बागवानी के साथ यह युवाओं को नर्सरी की बारीकियां सिखाते हैं। यहां से सीखकर दर्जनभर से अधिक युवा जिले के अलग-अलग हिस्सों में नर्सरी खोलकर आत्मनिर्भर बन गए हैं।

मूलरूप से राबर्ट्सगंज सोनभद्र के रहने वाले वेदमणि पांडेय ने पिछले चार दशक से प्रयागराज को अपनी कर्मस्थली बना लिया है। आम, अमरूद, कटहल, आंवला, बेल, नीबू, करौंदा, किन्नो और मुसम्मी के पौधों की बिक्री कर रहे हैँ। मौसमी फूल डहलिया,साल्विया, पिटोनिया,पैंजी सहित 50 किस्म के फूलों के पौधे उपलब्ध है।


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