UP MLC Election 2022: प्रतापगढ़ में सत्ताधारी भाजपा और राजा भैया की प्रतिष्ठा है दांव पर
अबकी प्रतापगढ़ एमएलसी चुनाव में सत्तारुढ़ दल भाजपा व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के दो विधायकों की भी साख फंसी हुई है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र) के चुनाव में सत्तारुढ़ दल भाजपा व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के दो विधायकों की भी साख फंसी हुई है।
रघुराज प्रताप करीबी अक्षय प्रताप होते रहे रिपीट
एमएलसी की स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर वर्ष 1998 में पहली बार रघुराज प्रताप सिंह के करीबी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी निर्वाचित हुए थे। दोबारा 2004 में हुए चुनाव में अक्षय प्रताप फिर चुने गए। वर्ष 2004 में अक्षय प्रताप सिंह के सांसद निर्वाचित होने पर रिक्त हुई सीट पर उप चुनाव में राजा भैया के करीबी आनंद भूषण सिंह बब्बूु राजा निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। फिर पिछले दो चुनाव में अक्षय प्रताप सिंह रिपीट हुए। पिछले दो चुनाव वे सपा के टिकट पर लड़े थे।
राजा भैया की पार्टी खाता खोलने के लिए बेताब
सपा से दूरी बनने के बाद बनी अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से इस बार अक्षय प्रताप सिंह चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में पार्टी के सामने खाता खोलने की चुनौती है। इसलिए प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह के साथ बाबागंज विधायक विनोद सरोज, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष डा.केएन ओझा, कुंडा, बाबागंज, बिहार, कालाकांकर, सदर, मानधाता के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने पूरी ताकत झोंक दी।
भाजपा ने हरि प्रताप सिंह पर खेला है दांव
दूसरी ओर सत्तारुढ़ दल भाजपा के सामने भी खाता खोलने की चुनौती है। पार्टी पहली बार मजबूती से चुनाव लड़ रही है, इसलिए पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। हरि प्रताप की पत्नी प्रेमलता सिंह नगर पालिकाध्यक्ष हैं। इसके अलावा पार्टी के सदर से विधायक राजेंद्र मौर्य व भाजपा अपना दल गठबंधन के जीतलाल पटेल विश्वनाथगंज से विधायक हैं। ऐसे में दोनों विधायकों के साथ भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ी है।
सपा के दो विधायकों की प्रतिष्ठा फंसी, चुनाव प्रचार में लगाया था पूरा जोर
वहीं विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अपनी सीट बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी क्योंकि पिछले दो बार अक्षय प्रताप सिंह सपा से ही चुनाव लड़े थे। इस समय के दो विधायक पट्टी से राम सिंह पटेल व रानीगंज डा.आरके वर्मा हैं। ऐसे में सपा प्रत्याशी विजय यादव के भविष्य से इन दोनों विधायकों के साथ सपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है। कामयाबी किस पार्टी के प्रत्याशी को मिलेगी, इसकी तस्वीर 12 अप्रैल को मतगणना के बाद ही साफ होगी।