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माफिया अतीक अहमद के नाम है प्रयागराज में ऐसा रिकार्ड जिसे कोई नेता तोड़ नहीं सका

निर्दलीयों की सफलता का ग्राफ देखें तो पहली बार इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर निर्दल प्रत्याशी हबीब अहमद ने 34.39 प्रतिशत वोट प्राप्त कर भाजपा के तीरथराम कोहली को हराया था। 1989 में इसी सीट पर अतीक अहमद ने 1989 में पहली बार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 15 Mar 2022 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 15 Mar 2022 10:45 AM (IST)
माफिया अतीक अहमद के नाम है प्रयागराज में ऐसा रिकार्ड जिसे कोई नेता तोड़ नहीं सका
प्रयागराज की इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में ही निर्दलीय ज्यादा सफल हुए

अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। यूपी विधानसभा चुनाव में प्रयागराज की सभी सीटों पर राजनीतिक दलों का हमेशा दबदबा रहा है। निर्दलीय उम्मीदवार यहां ज्यादा प्रभाव नहीं जमा सके। 1993 में इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर आखिरी पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में माफिया अतीक अहमद ने सफलता हासिल की थी। वह एक मात्र ऐसे उम्मीदवार रहे जो निर्दलीय के रूप में तीन बार सफल हुए। यह एक ऐसा रिकार्ड है जिसे कोई नहीं तोड़ सका और अब दलीय राजनीति में यह शायद टूटे भी नहीं। खास बात यह कि इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा क्षेत्र ही एकमात्र सीट रही जहां निर्दलीय सफल हुए, बाकी जगह पराजय ही झेलनी पड़ी।

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निर्दलीय के रूप में जीतने वाले पहले उम्मीदवार हबीब अहमद

विधानसभा चुनाव में इस बार जनपद में 169 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया। इनमें से निर्दलीयों की संख्या 35 रही। एक भी उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सका। अतीत में निर्दलीयों की सफलता के ग्राफ को देखें तो पहली बार इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर निर्दल प्रत्याशी हबीब अहमद ने 34.39 प्रतिशत वोट प्राप्त कर भाजपा के तीरथराम कोहली को हराया था। 1989 में इसी विधानसभा सीट पर अतीक अहमद ने 1989 में पहली बार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और 33.54 प्रतिशत वोट प्राप्त कर कांग्रेस के प्रत्याशी गोपालदास को हराया। इसी चुनाव में सोरांव सीट पर मोहम्मद शमी ने जनतादल के प्रत्याशी भोला सिंह को निर्दलीय के रूप में कड़ी टक्कर दी लेकिन उन्हें दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा।

शमी ही एक मात्र उम्मीदवार थे इस चुनाव में जो अपनी जमानत बचा पाए थे। 1991 के विधानसभा चुनाव में भी अतीक अहमद ने निर्दलीय के रूप में 51.26 प्रतिशत वोट प्राप्त कर सफलता हासिल की थी। उन्होंने भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार रामचंद्र जायसवाल को हराया था। उसके बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में भी अतीक अहमद ने निर्दलीय के रूप में जीत का क्रम जारी रखा। इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ते हुए 49.85 प्रतिशत वोट प्राप्त कर बीजेपी के प्रत्याशी तीरथराम कोहली को शिकस्त दी थी।

अबकी जीते नहीं पर कई के खेल बिगाड़े

विधानसभा चुनाव में निर्दलीयों को सफलता जरूर नहीं मिली लेकिन उन्होंने कई प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ दिए। सोरांव में राकेश गौतम ने एक हजार से अधिक वोट हासिल किए। हंडिया में राज बहादुर और लाल साहब ने तीन हजार से अधिक वोट प्राप्त किए। इसी तरह करछना विधानसभा में निर्दलीयों ने दो हजार, बारा में तीन प्रत्याशियों ने तीन हजार से अधिक वोट हासिल किए। इससे जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशियों की राह में रोड़े जरूर आए।


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