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राकेश टिकैत ने प्रयागराज में कहा- चुनाव में किसी पार्टी का समर्थन नहीं, अप्रैल से फिर आंदोलन

राकेश टिकैत ने साफ किया कि उनका चुनावी नहीं आंदोलन का एजेंडा है। कहा कि यूपी उत्तराखंड पंजाब गाेवा और मणिपुर में विधानसभा का चुनाव हो रहा है। मार्च तक जनता अपना फैसला सुना देगी। नई सरकारें आएंगी और फिर इनसे किसान मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 10:07 AM (IST)
राकेश टिकैत ने प्रयागराज में कहा- चुनाव में किसी पार्टी का समर्थन नहीं, अप्रैल से फिर आंदोलन
राकेश टिकैत ने बताया कि कई मांगों को पूरा कराने के लिए आंदोलन की बनी है रणनीति

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र के परेड मैदान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन कई बातों को साफ किया। जाते-जाते उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि इस समय पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव हो रहा है। नई सरकारें मार्च में बन जाएंगी। वह चुनावों में किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं। मार्च के अंत या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में नई सरकारों से किसान मुद्दों को लेकर चर्चा होगी। अगर समस्याओं का समाधान हो गया तो ठीक, अन्यथा फिर आंदोलन शुरू होगा। एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार से भी वार्ता होगी। बात न मानने पर देश व्यापी आंदोलन किया जाएगा।

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किसान मुद्दों के समाधान के लिए बनाएंगे सरकारों पर दबाव

राकेश टिकैत ने एक बार फिर साफ किया कि उनका चुनावी नहीं आंदोलन का एजेंडा है। कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गाेवा और मणिपुर में विधानसभा का चुनाव हो रहा है। मार्च तक जनता अपना फैसला भी सुना देगी। नई सरकारें आएंगी और फिर इनसे किसान मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। वर्षों से परेशान किसानों को कैसे उन्नति के पथ पर लगाया जाए, इसे लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। किसान मुद्दों के समाधान के लिए सरकारों पर दबाव बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून अब तक बन जाना चाहिए था, लेकिन केंद्र सरकार इसकी लीपापोती में लगी है। बिजली, डेयरी, बीज, खाद पर बिल प्रस्तावित है, जिसे तीन काले कृषि कानून की तरह ही रद करने की मांग केंद्र सरकार से की जाएगी।

अगर केंद्र सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के साथ ही अन्य प्रस्तावित बिलों को रद करने पर तैयार हो जाती है तो ठीक, अन्यथा अप्रैल माह में देश भर में फिर आंदोलन आरंभ किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर किसान मुद्दों को लेकर छोटे-छोटे आंदोलन कोरोना नियमों का पालन करते हुए चलाने की बात कही। इसके बाद वे मंगलवार की रात प्रयागराज एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।


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