तब नहीं थी कार या वैन, तांगे से आते थे नेताजी और मांगकर गुड़ के साथ पीते थे पानी

UP Chunav News तब जमीनी स्तर के कार्यकर्ता ही टिकट पाते थे और लग्जरी कारें या वैन उनके पास नहीं थीं वह पैदल घूमा करते थे। उस वक्त ज्यादातर गांवों में रास्ता अब की तरह नहीं हाेता था। तांगे से भी वोटर की चौखट तक पहुंचना आसान न था।