UP Budget 2021-22 : बजट में मिले 100 करोड़ रुपये से प्रयागराज में मऊआइमा और मेजा कताई मिलों को संजीवनी के आसार
UP Budget 2021 22 अगर इस मिल को सरकार ने पीपीपी मॉडल पर दिया तो इसे फिर से चलाने के लिए नई और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की मशीनों की जरूरत पड़ेगी। करीब 10 से 20 फीसद पुरानी टेक्नोलॉजी की मशीनें भी दुरुस्त कराकर उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
प्रयागराज,जेएनएन। यमुनापार के मेजा और गंगापार के मऊआइमा में बंद पड़ी कताई मिलों को फिर से संजीवनी मिलने के आसार हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बजट में उत्तर प्रदेश स्पिनिंग कंपनी की बंद पड़ी कताई मिलों की परिसंपत्तियों को पुनर्जीवित कर पीपीपी मोड में औद्योगिक पार्क, आस्थान एवं क्लस्टर स्थापित करने के निर्णय से इन दोनों मिलों के दोबारा चालू होने की उम्मीद जगी है। सरकार ने कताई मिलों की परिसंपत्तियों को पुनर्जीवित करने के लिए बजट में सौ करोड़ रुपये का प्राविधान किया है।
16 अक्टूबर 2000 से बंद पड़ी है मेजा कताई मिल
मेजा कताई मिल 16 अक्टूबर 2000 से बंद पड़ी है। मिल के बंद होने से मशीनों में जंग लग गई हैं। बिल्डिंग जर्जर हो गई है। जितने कर्मचारी थे वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले चुके हैं। मिल की करीब 175 एकड़ जमीन है। माना जा रहा है कि अगर इस मिल को सरकार ने पीपीपी मॉडल पर दिया तो इसे फिर से चलाने के लिए नई और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की मशीनों की जरूरत पड़ेगी। करीब 10 से 20 फीसद पुरानी टेक्नोलॉजी की मशीनें भी दुरुस्त कराकर उत्पादन शुरू किया जा सकता है। वहीं, एक दशक से ज्यादा समय से मऊआइमा कताई मिल भी बंद है। करोड़ों रुपये की लागत की मशीनें सड़ चुकी हैं।
मिल के शुरू होने से रोशन होंगे इलाके, हजारों को मिलेगा रोजगार
कर्मचारी भी वीआरएस ले चुके हैं। कताई मिल में ताला लगा है, सिर्फ एक चौकीदार मिल की रखवाली करता है। इस मिल को भी फिर से चालू करने के लिए मशीनों और बिल्डिंग का जीर्णोद्धार कराना होगा। हालांकि, इन कताई मिलों के दोबारा शुरू होने से इन इलाकों के रोशन होने के साथ हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।