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Coronavirus से निपटने को सूबे के विवि लगाएंगे औषधीय पौधे Prayagraj News

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में 80 फीसद से अधिक पौधे औषधीय लगाए जाएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 07:37 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 07:00 AM (IST)
Coronavirus से निपटने को सूबे के विवि लगाएंगे औषधीय पौधे Prayagraj News
Coronavirus से निपटने को सूबे के विवि लगाएंगे औषधीय पौधे Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  कोरोना काल में वायरस से निपटना सबसे बड़ी चुनौती है। इसको देखते हुए सूबे के सभी विश्वविद्यालय एक जुलाई से सात जुलाई तक पौधारोपण का महाअभियान चलाएंगे। इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालय प्रदेशभर में कुल 15 लाख पौधे लगाएंगे। अकेले प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय द्वारा प्रयागराज मंडल में 75 हजार 400 पौधे रोपे जाएंगे। विश्वविद्यालय का जोर वायरस से निपटने के लिए औषधीय पौधे लगाने पर रहेगा।

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80 फीसद से अधिक पौधे औषधीय लगाए जाएंगे

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में 80 फीसद से अधिक पौधे औषधीय लगाए जाएंगे। इनमें पीपल, बरगद, नीम, बबूल, आंवला, बेल, सहजन, गूलर, भं्रगराज और अश्वगंधा समेत तमाम अन्य पौधे हैं। प्रयागराज में 19700, कौशांबी में 13600, फतेहपुर में सर्वाधिक 25200 और प्रतापगढ़ में 16900 पौधे रोपे जाने हैं। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डीके चौहान ने बताया कि कई औषधीय पौधे ऐसे भी हैं, जिनके पास कोई भी वायरस करीब नहीं फटकने पाते हैं। औषधीय पौधों के ऑक्सीजन से वायुमंडल भी शुद्ध रहता है और खतरनाक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। ये पौधे वातावरण शुद्ध करने के साथ कोरोना जैसे खतरनाक वायरस और वैक्टीरिया समेत अन्य बीमारियों से भी लडऩे में सक्षम होते हैं।

पौधों की कराई जाएगी जियो टैगिंग

पौधारोपण कार्य की प्रमाणिकता बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायत को ईकाई मानते हुए जीपीएस के जरिए जियो टैगिंग कराई जाएगी। शहरी क्षेत्रों में भी जियो टैगिंग होगी। पौधों के रखरखाव के लिए जिला वृक्षारोपण समिति का गठन होगा। इसकी मासिक बैठक भी होगी। खास बात यह है कि विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कराने के लिए पौधों की पहचान उस विद्यार्थी के नाम से होगी, जो उसकी देखरेख करेगा। पौधारोपण के लिए 50-50 छात्र-छात्राओं का और एक प्राध्यापक का समूह बनाया जाएगा। एक समूह में स्नातक प्रथम वर्ष के 25 छात्र-छात्राएं, द्वितीय वर्ष के 15 और तृतीय वर्ष के 10 छात्र-छात्राएं शामिल किए जाएंगे। इसके लिए सभी जिलों में एक महाविद्यालय के शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

औषधीय पौधे वक्‍त की जरूरत

प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने बताया कि पौधों का होना हमारे स्वस्थ और समृद्ध जीवन की संजीवनी है। यदि पौधे ही नहीं होंगे तो स्वस्थ जीवन, आदर्श वातावरण और उनमुक्त गगन हमें मिलेगा ही नहीं। इस वक्त तो औषधीय पौधों की आवश्यकता है। यही वजह है कि इस बार विश्वविद्यालय औषधीय पौधे रोपेगा। इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है।


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