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Kanpur Encounter : दो शहीद दारोगा प्रयागराज व प्रतापगढ़ के रहने वाले, खबर मिलते ही परिजनों का बुरा हाल

कानपुर में हिस्‍ट्रीशीटर गैंग के साथ मुठभेड़ में शहीद होने वाले एक एसआइ प्रयागराज के हंडिया व दूसरे एसआइ प्रतापगढ़ के मांधाता के रहने वाले थे। दोनों घरों में गम का माहौल है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 12:06 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 12:45 PM (IST)
Kanpur Encounter : दो शहीद दारोगा प्रयागराज व प्रतापगढ़ के रहने वाले, खबर मिलते ही परिजनों का बुरा हाल
Kanpur Encounter : दो शहीद दारोगा प्रयागराज व प्रतापगढ़ के रहने वाले, खबर मिलते ही परिजनों का बुरा हाल

प्रयागराज, जेएनएन। कानपुर ( देहात) क्षेत्र में गुरुवार की देर रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस ने घेराबंदी की थी। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं आठ पुलिस कर्मी भी शहीद हुए हैं। इनमें एक दारोगा प्रयागराज के और दूसरे प्रतापगढ़ जनपद के रहने वाले थे। यहां सूचना उनके घरों में मिली तो माहौल गमगीन हो गया। दोनों दारोगाओं के परिवार के लोग कानपुर के लिए रवाना हो चुके हैं।

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसाईं। इसमें सीओ बिल्हौर सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। वहीं एसओ बिठूर समेत छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायल पुलिस कर्मियों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विकास दुबे नाम के बदमाश और उसके साथियों ने छतों से पुलिस टीम पर गोलियां बरसाईं और हमले के बाद पुलिस के असलहे भी लूट ले गए।

इस वारदात में शहीद होने वाले दो चौकी इंचार्ज प्रयागराज और प्रतापगढ़ जिले के हैं। इनमें से एक चौकी इंचार्ज मंधना (कानपुर) अनूप कुमार सिंह भी शहीद हुए हैं। वह प्रतापगढ़ जिले के मांधाता थाना क्षेत्र के बेलखरी गांव के रहने वाले थे। जैसे ही घटना की जानकारी यहां स्वजनों को हुई, घर पर कोहराम मच गया। स्वजन फौरन कानपुर के लिए रवाना हो गए। अनूप के शहीद होने की जानकारी होने पर बेलखरी गांव में लोगों की भीड़ उनके घर पर जुट गई। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।

उधर शहीद होने वाले एक एसआइ प्रयागराज के हंडिया थाना क्षेत्र के रहने वाले थे। कानपुर में बलिदान देने वाले दारोगा नेबू लाल हंडिया के मीति नऊआन गांव के रहने वाले थे। यहां जब नेबू लाल के शहीद होने की खबर मिली तो गांव तो गमगीन माहौल हो गया। उनके परिवार के सदस्‍यों का जहां रो-रोकर हाल बेहाल है, वहीं ढांढस बंधाने वालों की भी भीड़ घर पर जुट हुई है।


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