एक्सिस बैंक घोटाले के मुख्य आरोपित का मकान ईडी ने कब्जे में लिया Prayagraj News
ईडी की प्रयागराज टीम गुरुवार दोपहर करेली पुलिस के साथ पहुंची और सामान बाहर निकलवाकर किराएदार वाले व खाली पड़े दोनों मकान सीज कर दिए।
प्रयागराज,जेएनएन। बहुचर्चित एक्सिस बैंक घोटाले के मुख्य आरोपित पूर्व बैंक प्रबंधक कमाल एहसान के दो मकान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कब्जे में ले लिए। मकानों की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी की टीम अब कमाल की यमुनापार स्थित खेत व दूसरी संपत्ति भी कब्जे में लेगी।
दोनों मकान को किया सीज
करेली थाना क्षेत्र के जीटीबी नगर स्थित कमाल के एक मकान में रह रहे किराएदार को करीब 15 दिन पहले नोटिस दी गई थी लेकिन उसने मकान नहीं छोड़ा। ईडी की प्रयागराज टीम गुरुवार दोपहर करेली पुलिस के साथ पहुंची और सामान बाहर निकलवाकर किराएदार वाले व खाली पड़े, दोनों मकान सीज कर दिए। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि घोटाले की रकम से ही कमाल ने दोनों मकान खरीदे थे। बैंक खाते, म्यूचुअल फंड जैसी दूसरी संपत्ति पहले ही कब्जे में ली जा चुकी है। सितंबर 2017 में ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की और जून 2019 में मकान समेत कई संपत्ति अटैच की थी। पूछताछ के लिए कई बार छापेमारी भी की। इसी मामले में पुलिस ने कमाल को जेल भेजा था लेकिन वह जमानत पर है।
एकाउंटेंट की संपत्ति भी की गई अटैच
प्रवर्तन निदेशालय की टीम शुआट्स के तत्कालीन एकाउंटेंट राजेश कुमार की करीब साढ़े चार करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुकी है। कुछ की संपत्ति की जांच चल रही है। घोटाले की रकम से कमाल ने लग्जरी कार, मकान खरीदे तो शुआट्स के कुछ अधिकारियों ने नया स्कूल खोलने व अन्य काम किए थे।
कुलपति समेत 11 लोग हुए थे गिरफ्तार
एसआइटी की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। शुआट्स के तत्कालीन कुलपति आरबी लाल, फाइनेंस कंट्रोलर, एकाउंटेंट और पूर्व बैंक प्रबंधक कमाल एहसान समेत कई लोगों को आरोपित बनाया था। जांच में साक्ष्य मिलने पर कुलपति समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
यह था पूरा मामला
एक्सिस बैंक की सिविल लाइंस शाखा में नैनी स्थित सैम हिग्गिनबॉटम यूनिर्विसटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) का खाता था। उससे करीब 23 करोड़ का गबन हुआ था। मार्च 2017 में एक्सिस बैंक के तत्कालीन प्रबंधक योगेश तिवारी ने सिविल लाइंस थाने में पूर्व प्रबंधक कमाल एहसान व शुआट्स के तत्कालीन एकाउंटेंट राजेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तीन महीने तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो मामला हाईकोर्ट पहुंचा। उस समय के एसएसपी ने एसपी क्राइम बृजेश मिश्र व सीओ आलोक मिश्र के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर जांच सौंपी थी जिसमें पता चला था कि 2013 से 2016 के बीच शुआट्स के अधिकारियों, कर्मचारियों व कुछ बैंक कर्मियों की मिलीभगत से घोटाला हुआ था।