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पावरलूम हड़ताल से ठप हुआ करोड़ों का टर्नओवर

बिजली सब्सिडी समाप्त होने से नाराज बुनकर 15 अक्टूबर से कारखानों में ताला लगा कर पावरलूम मशीनों का संचालन ठप कर दिया है। पिछले सात दिनों से चल रहे स्ट्राइक से करीब ढाई करोड़ रुपये का टर्न ओवर प्रभावित हुआ है। ऐसे में कपड़ों का प्रोडक्शन तो रुका ही साथ ही कचे माल की आवक भी ठप पड़ी है। एक सप्ताह में सरकार के खाते में जमा होने वाली जीएसटी की रकम भी प्रभावित हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 12:28 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 12:28 AM (IST)
पावरलूम हड़ताल से ठप हुआ करोड़ों का टर्नओवर

तिलई बाजार : बिजली सब्सिडी समाप्त होने से नाराज बुनकर 15 अक्टूबर से कारखानों में ताला लगा कर पावरलूम मशीनों का संचालन ठप कर दिया है। पिछले सात दिनों से चल रहे स्ट्राइक से करीब ढाई करोड़ रुपये का टर्न ओवर प्रभावित हुआ है। ऐसे में कपड़ों का प्रोडक्शन तो रुका ही साथ ही कच्चे माल की आवक भी ठप पड़ी है। एक सप्ताह में सरकार के खाते में जमा होने वाली जीएसटी की रकम भी प्रभावित हुई है।

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पावरलूम कारोबार के लिए विख्यात मऊआइमा कस्बे में एक सप्ताह से हड़ताल के चलते हर तरफ सन्नाटे का माहौल है। पावरलूम मशीनों के शोर थमने से अब खटर-पटर की आवाज भी थम चुकी है। कस्बा व आसपास के गांवों में करीब दस हजार पावरलूम मशीनें स्थापित हैं। इलाके का प्रमुख रोजगार होने के चलते तकरीबन पांच हजार परिवारों की रोजी रोटी इसके संचालन पर ही निर्भर रहता है। वर्ष 2006 से पावरलूम संचालन पर बुनकरों को विद्युत आपूíत में मिल रही सब्सिडी 31 दिसंबर के बाद खत्म किए जाने से बुनकरों में नाराजगी व्याप्त है। बुनकरों और शासन के बीच तीन सितंबर को हुई बातचीत के बाद अपर मुख्य सचिव हथकरघा नवनीत सहगल ने उक्त फ्लैट रेट योजना को 31 जुलाई तक बढ़ाने और आगे की नीति बुनकर प्रतिनिधियों से सामंजस्य बना कर घोषित करने का भरोसा दिलाया तो एक सितंबर से चल रही प्रदेश व्यापी हड़ताल को बुनकरों ने वापस ले लिया था लेकिन सरकारी घोषणा के डेढ़ माह गुजरने के बाद भी विद्युत विभाग को इस बाबत कोई शासनादेश जारी न करने तथा विद्युत विभाग के उत्पीड़न से त्रस्त बुनकर 15 जुलाई को एक बार फिर से पावरलूम मशीनों का संचालन ठप कर हड़ताल पर चले गए। पिछले एक सप्ताह से चल रहे इस हड़ताल से एक तरफ कपड़ों का उत्पादन ठप पड़ गया तो दूसरी तरफ दूसरे प्रांतों से आने वाले धागों व अन्य मटेरियल की आवक पर भी ब्रेक लग गया। मऊआइमा बुनकर एसोसिएशन के अध्यक्ष शोएब अंसारी ने बताया कि एक सप्ताह से चल रहे उक्त हड़ताल से सिर्फ मऊआइमा में करोड़ों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। साथ ही आयातित धागों पर सरकार के खाते में जमा होने वाली करीब 30 लाख की जीएसटी का भी नुकसान हुआ है। महामंत्री मोहम्मद फारूक अंसारी ने बताया कि बुनकरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल अब तभी समाप्त होगी जब सरकार अपने किए वादों को पूरा करेगी।


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