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Kumbh mela 2019 : भीड़ के दबाव से छूटे छक्के, औंधे मुंह गिरे इंतजाम तो श्रद्धालु हुए हलकान

कुंभ मेला के प्रमुख शाही स्‍नान पर्व मौनी अमावस्‍या पर शहर की ट्रैफिक व्‍यवस्‍था ने श्रद्धालुओं को परेशान किया। शहर में कहीं भी यात्रियों को राह बताने का इंतजाम न होने से उनका गुस्सा भड़का।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 11:31 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 11:31 AM (IST)
Kumbh mela 2019 : भीड़ के दबाव से छूटे छक्के, औंधे मुंह गिरे इंतजाम तो श्रद्धालु हुए हलकान
श्रीनारायण मिश्र, प्रयागराज : सन्नाटे से जूझ रहे कुंभ मेले मेें जब मौनी अमावस्या की भीड़ उमड़ी तो अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। व्यवस्था बनाने में जो खामियां थीं, वह उजागर हो गईं। 20 किलोमीटर तक श्रद्धालुओं को पैदल दौड़ाने के बावजूद उन्हें काबू नहीं रखा जा सका। इससे अचानक भीड़ बस और रेलवे स्टेशनों पर टूट पड़ी। खामियाजा रेलवे और परिवहन निगम को भुगतना पड़ा। जगह-जगह यात्रियों ने हंगामा किया, जाम लगाया और विवाद की नौबत आई। गनीमत यही रही कि देर रात तक यात्री शांत हो चुके थे।

त्रिस्तरीय आपातकालीन ट्रैफिक प्लान वन को लागू किया गया
संगम स्नान के लिए स्नानार्थियों की भीड़ रविवार रात से अचानक बढ़ी। रात 11 बजे शहर में त्रिस्तरीय आपातकालीन ट्रैफिक प्लान वन को लागू किया गया। जिसमें सीएमपी से आ रही भीड़ को मेडिकल चौराहे से लाउदर रोड की तरफ डायवर्ट किया गया। पुराने शहर में चंद्रलोक सिनेमा के पास से श्रद्धालुओं को मुट्ठीगंज होते हुए नैनी की तरफ मोड़ा गया। प्लान टू लागू करके रात करीब तीन बजे शहर में भीड़ दबाव होने पर बालसन चौराहे से भीड़ को हाशिमपुर रोड होते हुए दारागंज की तरफ मोड़ दिया गया। बैंक रोड की तरफ से आने वाली भीड़ को भी इसी दिशा में भेजा जाने लगा।

प्लान थ्री भी नहीं रोक पाया श्रद्धालुओं का रेला
भोर में करीब पांच बजे प्लान थ्री भी लागू कर दिया गया। लखनऊ, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर की ओर से आने वाले वाहन फाफामऊ के बेला कछार में रोक लिए गए। हालांकि तब तक देर हो चुकी थी और संगम में भीड़ का दबाव बहुत तेजी से बढ़ा। जितनी तेजी से यह दबाव बढ़ा उतनी ही तेजी से यात्रियों को लौटाया भी गया। इन यात्रियों को होल्ड करने का प्रबंधन फेल रहा। जिसके कारण पूरे शहर में बदइंतजामी तो नजर आई ही। यात्रियों को भी भारी जहमत उठानी पड़ी। अफसरों की सांसें भी देर रात तक टंगी रही।

दोपहर में ही फुल हो गए स्टेशनों के आश्रय स्थल
सोमवार दोपहर में इलाहाबाद जंक्शन पर यात्री आश्रय फुल हो गए तो उसके गेट बंद कर दिए गए। भीड़ का दबाव कम करने के लिए जानसेनगंज चौराहे से जंक्शन की तरफ जाने वाली सड़क (लीडर रोड) को भी बंद कर दिया गया। जो श्रद्धालु चौराहे तक पहुंच गए थे, उन्हें चौक होकर कोतवाली से खुल्दाबाद से होते हुए जंक्शन की तरफ भेजा गया। इधर यात्रियों को सिविल लाइंस से पत्थर गिरजा घर, पानी की टंकी होते हुए श्रद्धालु जंक्शन के सिटी साइड भेजा गया, लेकिन इससे क्राउड कंट्रोल में बहुत राहत नहीं मिली।

डीआरएम ने जताई नाराजगी
ट्रैफिक प्लान की विफलता से जब प्रयाग जंक्शन पर भीड़ बेकाबू हुई तो डीएम सुहास एलवाइ और एडीआरएम इलाहाबाद अनिल कुमार द्विवेदी वहां पहुंचे। हालात देखकर एडीआरएम का मूड उखड़ गया और उन्होंने भीड़ को प्रयाग स्टेशन की ओर मोडऩे पर गहरी नाराजगी जताई।

पत्थर गिरजाघर से चलीं बसें
कानपुर रूट के यात्रियों को भेजने के लिए सिविल लाइंस में पत्थर गिरजाघर के पास से रोडवेज की बसों को चलाया गया। सिविल लाइंस बस अड्डे पर कानपुर की ओर से आने वाली बसें आ-जा रही थीं। इससे भी श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हुई।

क्या-क्या रही खामियां
- यात्रियों को कहां से बस या ट्रेन पकडऩी है यह सटीक जानकारी देने वाले बोर्ड शहर में नहीं थे
- यात्रियों को रेलवे और बस स्टेशन पहुंचने से रोकने के लिए पर्याप्त सर्कुलेटिंग एरिया नहीं थे
- यात्रियों को सरकारी तौर पर पीने के पानी और सुस्ताने जैसे इंतजाम भी नहीं किए गए
- यात्री जब तेज प्रवाह के साथ संगम से निकले तो उन्हें रास्ते में कहीं रोकने का प्रयास नहीं हुआ
- 20-20 किलोमीटर पैदल चलने के कारण बार बार धैर्य खो रहे थे यात्री
- यातायात व्यवस्था और अन्य विभागों के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आई

यहां दिखी व्यवस्था में खामियां
- श्रद्धालुओं को जंक्शन के लिए फायर ब्रिगेड चौराहे, लीडर रोड से जाना था। दोपहर जंक्शन भर गया तो इमरजेंसी योजना के तहत उन्हें एमजी मार्ग, हाईकोर्ट ओवरब्रिज होते हुए खुशरोबाग होल्डिंग एरिया में भेजना था। जानसेनगंज चौराहे पर बेरिकेडिंग लगाकर जब यात्रियों को रोका गया तो घंटों हंगामा चला और कई बार हालात बेकाबू होते दिखे।
- फैजाबाद, लखनऊ और प्रतापगढ़ जाने वाले श्रद्धालु स्नान करसिविल लाइंस बस स्टैंड पहुंचे तो बताया गया कि बस लोक सेवा आयोग चौराहे पर मिलेगी। यहां आए तो कोई बस नहीं थी। ऐसे में यात्रियों ने जाम लगाकर हंगामा काटा। कुछ बसें वहां भेजी गईं तो यात्री शांत हुए।
- बसें न मिलने पर सिविल लाइंस बस अड्डा, प्रयाग स्टेशन समेत अन्य स्थानों पर भी श्रद्धालुओं ने हंगामा किया।
- सोमवार सुबह 11 बजे मेला क्षेत्र में भीड़ बढऩे पर वाराणसी, आजमगढ़, मानिकपुर जाने वाले श्रद्धालु प्रयाग जंक्शन की तरफ मोड़ दिए गए। प्रयाग स्टेशन पर दबाव बेकाबू हुआ तो ताराचंद्र हॉस्टल के पास से रोडवेज बसों से गया व वाराणसी की तरफ जाने वालों को इलाहाबाद सिटी स्टेशन भेजा गया।
- रामप्रिया रोड और ऐलनगंज होते हुए लला चुंगी पर भीड़ पहुंचने के कारण प्रयाग स्टेशन पर बढ़ा दबाव। रात में स्टेशन को करना पड़ा सील। कई बार हुआ हंगामा।
- प्रयाग जंक्शन पर भीड़ अधिक होने और प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर शेड नहीं होने के कारण एक महिला तेज धूप में गर्मी से बेहोश हो गई। सर्कुलेटिंग एरिया में यात्री आश्रय से निकलते वक्त एक महिला गिरकर चोटिल हो गई।

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