Top Prayagraj News of the day, 23 July 2020 : Road accident : मां बेटी की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत
हादसे में मां बेटी की मौत हो गई। अतीक की दोनाली बंदूक को तलाश रही पुलिस। सर्च कमेटी के सदस्यों के बाद अब राष्ट्रपति से नामित सदस्य प्रोफेसर डीपी सिंह के चयन पर भी रार छिड़ गई है।
प्रयागराज,जेएनएन। उतरांव थाना क्षेत्र के महारूपुर गांव के सामने नेशनल हाईवे पर गुरुवार सुबह संगीता देवी (35) पत्नी विजय बहादुर पटेल अपनी पुत्री काजल (15) को लेकर शौच के लिए जा रही थी। इसी दौरान अज्ञात वाहन ने चपेट में ले लिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, पूर्व सांसद अतीक और उसके गैंग से जुड़े लोगों की छानबीन के दौरान पुलिस को एक और सुराग मिला है। अतीक अहमद के नाम एक दोनाली बंदूक भी है।जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों के बाद अब राष्ट्रपति से नामित सदस्य प्रोफेसर डीपी सिंह के चयन पर भी रार छिड़ गई है।
Road accident : मां बेटी की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत
उतरांव थाना क्षेत्र के महारूपुर गांव के सामने नेशनल हाईवे पर गुरुवार सुबह संगीता देवी (35) पत्नी विजय बहादुर पटेल अपनी पुत्री काजल (15) को लेकर शौच के लिए जा रही थी। इसी दौरान अज्ञात वाहन ने चपेट में ले लिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। उनके साथ गांव के रामेश्वर के पुत्र सुमित (8) व पुत्री अंजना (15) को भी इसी वाहन ने टक्कर मार दिया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी है।
पूर्व सांसद अतीक अहमद के नाम दोनाली बंदूक भी, तलाश में जुटी धूमनगंज पुलिस
पूर्व सांसद अतीक और उसके गैंग से जुड़े लोगों की छानबीन के दौरान पुलिस को एक और सुराग मिला है। अतीक अहमद के नाम एक दोनाली बंदूक भी है जिसका लाइसेंस वर्ष 1984 में धूमनगंज थाने की रिपोर्ट पर जारी हुआ था। वर्ष 1985 में दोनाली बंदूक समेत तीन असलहे खुल्दाबाद थाने में जमा हुए थे। एक बंदूक कसारी मसारी निवासी माजिद के नाम थी जबकि दूसरा असलहा किसका है? यह पता नहीं चल सका था। अतीक की बंदूक का लाइसेंस निरस्त भी हुआ था मगर वर्ष 2005 में कोर्ट के आदेश पर उसे थाने से रिलीज कर दिया गया था।
Allahabad Central University : सर्च कमेटी में राष्ट्रपति से नामित सदस्य पर भी रार
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों के बाद अब राष्ट्रपति से नामित सदस्य प्रोफेसर डीपी सिंह के चयन पर भी रार छिड़ गई है। एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने प्रो. सिंह को कमेटी का समन्वयक बनाए जाने का विरोध किया है।पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने 31 दिसंबर 2019 को इस्तीफा दिया था। इसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे। देशभर से 125 शिक्षाविदों ने 21 फरवरी तक आवेदन किया। नौ आवेदन इविवि से जुड़े शिक्षकों के हैं।