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प्रतापगढ़ में शौचालय तो बने नहीं, स्वीकृति के नाम पर होने लगी धन वसूली, जांच शुरू

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By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:41 PM (IST)
प्रतापगढ़ में शौचालय तो बने नहीं, स्वीकृति के नाम पर होने लगी धन वसूली, जांच शुरू
प्रतापगढ़ में बेसलाइन वर्ष 2012 के अनुसार जिले में तीन लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था।

प्रतापगढ़, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले भर में तीन लाख से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। शौचालय की प्रोत्साहन राशि देर से मिलने के कारण हजारों शौचालय का निर्माण देरी से शुरू हुआ। काफी लोगों ने शौचालय की रकम हड़प ली। दूसरे का शौचालय दिखाकर उसका अप्रूवल करा ले रहे हैं। संबंधित ब्लाक के समन्वयक के बिना इसका अप्रुवल नहीं हो सकता। इसके लिए समन्वयक वसूली कर रहे हैं। डीपीआरओ तक मामला पहुंचने पर इसकी जांच शुरू हो गई है।

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483 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च

बेसलाइन वर्ष 2012 के अनुसार जिले में तीन लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष शासन से 374 करोड़ रुपये का बजट मिला। इसके बाद जब सत्यापन हुआ तो पता चला कि अभी भी एक लाख 10 हजार 931 पात्र बचे हुए हैं। दूसरे चरण में योजना के तहत बचे लाभार्थियों को भी योजना का लाभ दिया गया। कुल मिलाकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में करीब चार लाख 84 हजार से अधिक शौचालय बनाए जा चुके हैं। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 483 करोड़ 23 लाख 10 हजार रुपये खर्च हो चुके हैैं।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

बिहार, लक्ष्मणपुर, सांगीपुर, लालगंज, कुंडा, बाबागंज, मानधाता, कालाकांकर, आसपुर देवसरा, संडवा चंद्रिका सहित अन्य ब्लाकों के कई गांवों में शौचालय का पैसा लाभार्थी लिए लेकिन शौचालयों का निर्माण नहीं कराया। ब्लाक के समन्वयक व खंड प्रेरक की मिलीभगत से प्रधान व सचिव स्वीकृति के नाम पर वसूली कर रहे हैं। दूसरे के शौचालय की फोटो स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। इसके नाम पर 500 से 1500 रुपये तक की वसूली हो रही है। डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि इसकी जांच हो रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।


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