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पर्यटन के फलक पर चमक रहा तीर्थराज

जिले में पर्यटन की स्थिति काफी अच्छी है। कई तीर्थ स्थल के साथ ही कुछ पौराणि धरोहरें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 01:37 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 01:37 AM (IST)
पर्यटन के फलक पर चमक रहा तीर्थराज
पर्यटन के फलक पर चमक रहा तीर्थराज

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कभी आनंद भवन, इलाहाबाद संग्रहालय, आजाद पार्क, खुशरोबाग व मिटो पार्क ही प्रयागराज के पर्यटक स्थल थे। माघ मास में संगम का तट श्रद्धालुओं व पर्यटकों से गुलजार रहता है। इसके अलावा पर्यटक स्थल खोजने से नहीं मिलते थे। वहीं, 2017-18 से स्थिति में व्यापक बदलाव आया। कुंभ 2019 से पहले बारह माधव के मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाकर श्रद्धालुओं के लिए उचित प्रबंध किया गया। वहीं, प्रयागराज व उसके पास के धार्मिक व पौराणिक स्थलों को संवारने की कवायद शुरू हुई। इससे प्रयागराज पर्यटन के मानचित्र में तेजी से उभारने लगे।

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पयर्टन की ²ष्टि से श्रृंगवेरपुर का स्वरूप तेजी से निखारा जा रहा है। देश-विदेश के पर्यटकों की सहूलियत के लिए काफी काम किए गए हैं, जबकि कुछ प्रस्तावित है। केंद्र सरकार की ''प्रदेश दर्शन योजना' के तहत श्रृंगवेरपुर में गंगा पट पर संध्या घाट बनवाया गया। टूरिस्ट फेसेलिटी सेंटर बन चुका है। क्षेत्र की खूबसूरती के लिए जगह-जगह साइनेज, सोलर लाइट लगाने के साथ सड़क बनवाई गई है। श्रीराम शयन स्थल, वीर आसन, सीता कुंड का विकास भी किया गया। निषादराज पार्क के लिए 14 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गया है। खूबसूरत पार्क के बीच में प्रभु श्रीराम व निषादराज की गले लगते हुए 52 फिट की प्रतिमा लगाई जाएगी। पौने दस करोड़ रुपये की लागत से संध्या घाट व रामचौरा घाट के बीच में पाथवे बनाने की योजना बनाई गई है। प्रयागराज के हंडिया स्थित लाक्षागृह के विकास का काम चल रहा है। कुछ वर्षों में यह क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र में उभरकर सामने आएंगे। आनंद भवन के पास स्थित महर्षि भरद्वाज आश्रम में पुष्पक विमान बनाने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इसके बनते ही भरद्वाज आश्रम हर किसी के आकर्षण का केंद्र बन जाएगा। ''मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना' के तहत पर्यटन विभाग प्रयागराज के प्रमुख स्थलों को निखारा गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन स्थल बनाए गए, जहां जाने पर आत्मीय संतुष्टि मिलती है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर को पर्यटन की ²ष्टि से नया स्वरूप देने का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा आस-पास के क्षेत्रों में जितने धार्मिक व पौराणिक स्थलों को संरक्षित करने का काम चल रहा है उसे युद्धस्तर पर पूरा किया जाएगा।

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नए स्वरूप में निखर रहा लाक्षागृह

हंडिया के पास स्थित लाक्षागृह का स्वरूप निखर रहा है। महाभारत कालीन उक्त स्थल को संरक्षित करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत सत्संग भवन, ओपन एयर थियेटर बनाया जाएगा। साथ ही महाभारत कथा का सचित्र वर्णन भी होगा, जिसे देखकर लोगों को पुरातन संस्कृति से जुडऩे का आभास होगा।

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यह नए पर्यटन स्थल

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-शहर पश्चिमी : बरखंडी महादेव मंदिर सैदपुर व डांडी गांव स्थित खेडुआ तालाब।

-शहर दक्षिणी : मां ललिता देवी मंदिर से बरगद घाट तक सड़क निर्माण व मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया गया।

-शहर उत्तरी : प्राचीन छुवारा हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ।

-मेजा : ब्रह्म सु²ष्ट धाम परानीपुर का विकास किया गया।

-प्रतापपुर : साथर डीह का विकास हुआ।

-करछना : श्रीराघवेंद्र जी महाराज विराजमान मंदिर को भव्य स्वरूप दिया गया।

-कोरांव : प्राचीन शोभानाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ।

-सोरांव : बहरिया ब्लाक के करणाई ग्रामसभा स्थित फुटहवा महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया।

-फाफामऊ : श्रृंगवेरपुर धाम में पार्क का निर्माण हुआ।

-बारा : लालापुर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर का विकास हुआ।

-फूलपुर : दुर्वासा ऋषि आश्रम नए स्वरूप में उभरा है।

-हंडिया : लाक्षागृह को भव्य स्वरूप दिया जा रहा है।


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