यह लापरवाही पड़ जाएगी भारी, प्रयागराज के अस्पतालों में कोरोना से बचाव की गाइड लाइन की अनदेखी
शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए फासला बनाए रखने वाले गोले तक गायब हैं। तैनात गार्ड भी अनदेखी करता है। कुछ यही हाल स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल का भी है। वहां पंजीकरण काउंटर पर शारीरिक दूरी के नियम और मुंह-नाक से मास्क भी गायब हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। दूसरी लहर से जूझने के बावजूद प्रयागराज में लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) में पंजीकरण काउंटर अब आकस्मिक सेवा विभाग के पास संचालित है। यहां स्थान अधिक होने की अस्पताल प्रशासन की मंशा थी जबकि मरीजों की तादाद के सापेक्ष वह जगह भी छोटी पड़ गई है। मरीज पर्चे बनवाने को एक दूसरे पर टूटते हैं। लोगों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए फासला बनाए रखने वाले गोले तक गायब हैं। तैनात गार्ड भी अनदेखी करता है। कुछ यही हाल स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल का भी है। वहां पंजीकरण काउंटर पर शारीरिक दूरी के नियम और मुंह-नाक से मास्क भी गायब हैं। यह स्थिति कोरोना की तीसरी लहर को आमंत्रण नहीं तो और क्या है? काल्विन की एसआइसी डा. सुषमा श्रीवास्तव कहती हैं कि उनके कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे की स्क्रीन लगी है। जहां भीड़ दिखती है फौरन ही कर्मचारियों को भेजकर लोगों को दूर करवाया जाता है। ड्यूटी ढंग से नहीं करने वालों पर सख्ती बरती जाएगी।
फाइलेरिया रोधी दवा वितरण 12 से
मच्छर जनित फाइलेरिया काफी गंभीर बीमारी है। इससे हाथीपांव या हाइड्रोसिल हो सकता है। इस बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए 12 जुलाई से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलेगा। आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी और अन्य स्वास्थ्य टीमें घर-घर पहुंचकर दवा बांटेंगी। सीएमओ आफिस के सभागार में हुई बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. प्रभाकर राय ने बताया कि 12 से 26 जुलाई तक जो दवा बांटी जाएं उसका सेवन लोग जरूर करें। इस मौके पर एसीएमओ डा. बीएन सिंह, मलेरिया अधिकारी केपी द्विवेदी और दिल्ली से आए पीएसआइ के डा. रनपाल सिंह आदि रहे।