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Corona News: ये हाल है स्वास्थ्य विभाग प्रतापगढ़ का, हेल्थ वर्कर्स का अभाव तो कैसे रोकी जाएगी तीसरी लहर

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार पूरा जोर दे रही है। अस्पतालों में संसाधन बढ़ाए जाने के लिए सरकार ने खजाना भी खोल दिया है। मगर इस मायने में प्रतापगढ़ की बात करें तो यहां पर डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक की भारी कमी है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 03:50 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 03:50 PM (IST)
Corona News: ये हाल है स्वास्थ्य विभाग प्रतापगढ़ का, हेल्थ वर्कर्स का अभाव तो कैसे रोकी जाएगी तीसरी लहर
चिकित्सक से लेकर लैब कर्मी तक की कमी, प्रशिक्षण का कार्य भी अब तक पूरा नहीं

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। हर तरफ यही बात हो रही है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर कब आएगी, कोई कहता है कि इसी महीने तो कुछ विशेषज्ञ सितंबर और अक्तूबर में आशंका जाहिर कर रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार पूरा जोर दे रही है। अस्पतालों में संसाधन बढ़ाए जाने के लिए सरकार ने खजाना भी खोल दिया है। मगर इस मायने में प्रतापगढ़ की बात करें तो यहां पर डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक की भारी कमी है।

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सरकारी डाक्टरों के 69 पद हैं खाली

जिले में मेडिकल के जो पद खाली हैं उन पर कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से तीसरी लहर से निपटने के दावे पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है। जनपद में चिकित्सकों के 261 पद हैं। इनमें से मात्र 192 की ही तैनाती है। यहां पर 69 पद खाली चल रहे हैं। अस्पताल अटैच सिस्टम पर चल रहे हैं। पैरामेडिकल स्टाफ की भी भारी कमी है। कोरोना की जांच के लिए लैब टेक्नीशियन की मुख्य भूमिका होती है। ऐसे कर्मियों की भी यहां पर यहां पर भारी कमी है। इसके 45 पद हैं, जिनमें से 16 कर्मचारी के पद खाली हैं। इसी प्रकार 155 एएनएम भी जिले में नहीं है, जबकि कोरोना के अभियान में एएनएम की भूमिका मेन होती है। जांच और जागरूकता के साथ टीकाकरण में वह लगाई जाती हैं। बेसिक हेल्थ वर्कर के 89 पद खाली चल रहे हैं। स्वास्थ्य सुपरवाइजर के 115 पद में से 80 पर कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। ऐसे में इसका असर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही तैयारी पर पड़ रहा है। यही नहीं अब तक चयनित टीमों का प्रशिक्षण भी पूरा नहीं हो सका है। प्रशिक्षण हर दिन दिया जा रहा है, पर अभी पूरा होने में समय लगेगा।

यह है दावा

स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि कर्मचारियों की कमी तो है, पर मैनेज किया जा रहा है। ग्रामीण अस्पतालों से अतिरिक्त कर्मचारियों को बुलाकर उनको तीसरी लहर की ड्यूटी में लगाया जा रहा है। विभाग ने जो व्यवस्था बनाई है उसके अंतर्गत लालगंज, पट्टी, कालाकांकर व रानीगंज में कोविड अस्पताल चलाए जाएंगे। वहां पर तीन शिफ्ट में तीन-तीन डॉक्टरों और उसी संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

यह कहना है सीएमओ का

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी की जा रही है। विशेष रूप से चिकित्सकों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। 10 कर्मचारी मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किए गए हैं।

- डा. एके श्रीवास्तव, सीएमओ


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