श्रमिकों के पंजीयन और नवीनीकरण में अब नहीं चलेगी मनमानी Prayagraj News
तीन साल के पंजीयन के लिए अंशदान 60 रुपये देने का प्रावधान है। एकत्रित रकम इलाहाबाद बैंक में जमा कर दी जाती थी लेकिन शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है।
प्रयागराज,जेएनएन। यह खबर श्रमिकों के लिए सुकून देने वाली है। पंजीयन (रजिस्टे्रशन) और उसके नवीनीकरण में अब मनमानी नहीं चलेगी। बाहरी लोगों यानी दलालों की दखल भी खत्म हो जाएगी। हालांकि, पंजीयन अथवा उसका नवीनीकरण कराने के लिए श्रमिकों को थोड़ी भागदौड़ करनी पड़ेगी। छह जनवरी 2020 से श्रम विभाग में पंजीयन की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।
श्रमिकों को मिलेगी राहत
पहले पंजीयन कराने के लिए विभाग की ओर से कैंप लगाए जाते थे। इसमें श्रमिकों के आवेदन इकट्ठे लिए जाते थे। आवेदन के साथ पंजीयन फीस के रूप में 20 रुपये और एक साल के रजिस्ट्रेशन के लिए 20 रुपये अंशदान जमा कराए जाते थे। जबकि तीन साल के पंजीयन के लिए अंशदान 60 रुपये देने का प्रावधान है। एकत्रित रकम इलाहाबाद बैंक में जमा कर दी जाती थी लेकिन शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब पंजीयन अथवा उसका नवीनीकरण कराने के लिए जनसुविधा केंद्रों एवं विभाग में फीडिंग करानी पड़ेगी। इसके बाद उसके नाम का आवेदन फार्म जनरेट होगा। फिर बैंक से चालान बनवाना पड़ेगा। चालान आरटीजीएस और ऑनलाइन भी बनवाया जा सकेगा। चालान को आवेदन फार्म के साथ विभाग में जमा करना पड़ेगा। विभाग में उसे बायोमीट्रिक भी कराना पड़ेगा। बता दें कि मौजूदा व्यवस्था में पंजीयन एक और तीन साल के लिए होता है।
श्रमिकों की मदद करेगा यूनियन
कंस्ट्रक्शन फारेस्ट एंड वूड वर्कर यूनियन के प्रांतीय महामंत्री भोला तिवारी का कहना है कि श्रमिकों को जहां दिक्कत होगी, यूनियन उनकी मदद करेगा। नई व्यवस्था से गड़बड़ी रुकेगी। उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी का कहना है कि नई व्यवस्था से दलालों को दिक्कत होगी। इसमें बाहरी लोगों का हस्तक्षेप खत्म हो जाएगा। मनमानेपन में कमी आएगी और कामगारों को सुकून मिलेगा।