दुर्लभ पैंगोलिन के पहले बरामद हुई थी बाघ की पांच खाल
तीन दिन पहले पुलिस ने पैंगोलिन को बरामद कर पूर्व सांसद राम निहार राकेश के बेटे रितेश समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया था। पैंगोलिन की कीमत बीस लाख से एक करोड़ के बीच आंकी गई।
प्रयागराज : दुर्लभ वन्य जीवों की तस्करी के मामले में प्रयागराज पहले भी बदनाम होता रहा है। लुप्तप्राय हो रहे पैंगोलिन की तस्करी से पहले यहां बाघ की पांच खालों के साथ मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के तस्कर पकड़े गए थे। करेली का रहने वाला तस्करों का मुखिया शब्बीर कुरैशी बाघ की खालों को नेपाल के रास्ते थाइलैंड भेजने की तैयारी में था तभी एसटीएफ ने उसे दबोचा था। अब दुर्लभ पैंगोलिन की तस्करी पकड़े जाने से एसटीएफ और पुलिस एक बार फिर तस्करों की निगरानी और धरपकड़ में जुट गई है। तीन दिन पहले पुलिस ने पैंगोलिन को बरामद कर पूर्व सांसद राम निहार राकेश के बेटे रितेश समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया था। पैंगोलिन की कीमत बीस लाख से एक करोड़ के बीच आंकी गई। तस्करी के तार दिल्ली से जुड़े तो पुलिस टीम जांच में जुट गई। वर्ष 2007 में एसटीएफ ने शहर के करेली इलाके से शब्बीर कुरैशी समेत 16 तस्करों को गिरफ्तार किया था, जिसमें पांच महिलाएं भी थीं। तस्करों के पास से बाघ की पांच खालें मिली थीं। मध्य प्रदेश की महिलाएं बुर्का पहनकर खाल लेकर शब्बीर के घर पहुंची थीं। उस वक्त खाल की कीमत तीन करोड़ रुपये आंकी गई थी। सीओ एसटीएफ नवेन्दु सिंह के मुताबिक, तब शब्बीर कुरैशी इंटरनेशनल तस्कर कहलाता था। बाघ की खालों को यहां से नेपाल फिर थाइलैंड ले जाया जाना था। शब्बीर कुरैशी, उसके बेटे समेत 16 लोगों को एसटीएफ ने जेल भेजा था। इसमें दो लोग पश्चिम बंगाल के भी थे। गिरफ्तारी करने वाले एसटीएफ इंस्पेक्टर केशव चंद्र राय के मुताबिक, बाघ की खालों के साथ नाखून भी बरामद हुए थे। तस्करों ने टॉप के शिकारियों को रखा था ताकि बाघ को चोट पहुंचाने के दौरान खाल को नुकसान न हो। कई बार प्रयागराज में कछुओं की तस्करी पकड़ी गई है।