Lockdown: बाजार में मवेशियों के चारे के रेट छू रहे आसमान Prayagraj News
चूनी-चोकर के थोक कारोबारी अनूप अग्रवाल और सुनील केसरवानी का कहना है कि आटा की मिलें बंद थीं जिससे चोकर की भारी किल्लत हो गई है।
प्रयागराज,जेएनएन। लॉकडाउन के कारण मवेशियों के चारे का रेट भी बढ़ गया है। भूसा, सरसों और अलसी की खली, अरहर की चूनी तो पशुपालकों को महंगे दाम पर भी मिल रहा लेकिन चोकर की भारी किल्लत है। लॉकडाउन के पहले थोक में सरसों की खली 1850, अलसी की खली 4200, अरहर की चूनी 2200, चोकर 2500 रुपये क्विंटल बिक रहा था। अब सरसों की खली 1900, अलसी की खली 4300, चोकर 2600 और चूनी 2250 रुपये क्विंटल हो गया है। चूनी-चोकर के थोक कारोबारी अनूप अग्रवाल और सुनील केसरवानी का कहना है कि आटा की मिलें बंद थीं जिससे चोकर की भारी किल्लत हो गई है। अब मिलें चालू हो गई हैं, तीन-चार दिनों में किल्लत दूर होने के आसार हैं। पशुपालक मदन यादव बताते हैं कि भूसा थोक में 200 रुपये का 37 किग्रा. है लेकिन फुटकर में 300 रुपये में बिक रहा है। सरसों की खली 25, अलसी की खली 50, चूनी 24 और चोकर 27 रुपये किलो मिल रहा है।
शहर में आपूर्ति सुधरी तो दूसरे जिलों को सप्लाई
लॉकडाउन के कारण पिछले सप्ताह के शुरू तक शहर में खाद्य सामग्रियों की भारी किल्लत हो गई थी, लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इससे थोक के साथ ही फुटकर में भी आटा, दाल, चीनी, घी-तेल आदि सामानों की कीमतें नियंत्रित हुई हैं। वहीं, खाद्य सामग्रियों की भरपूर आपूर्ति होने से कई चीजों की सप्लाई दूसरे जिलों में भी की जाने लगी है। इससे थोक व्यापारियों को भी कुछ राहत मिली है।
पडोसी जनपद में भी हो रही सप्लाई
शहर की थोक मंडी मुट्ठीगंज में अरहर, चना, मटर की दालें, खड़ा चना और मटर नागपुर, मध्यप्रदेश, कटनी, भाटानारा से पर्याप्त मात्रा में आने लगी है। इधर, आटा भी स्थानीय फ्लोर मिलों के अलावा फतेहपुर से प्रतिदिन औसतन चार-पांच ट्रक आ रहा है। इससे आपूर्ति व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ गई है। आलम यह है कि चार-पांच दिनों से थोक मंडी में फुटकर व्यापारियों और खरीदारों की भी लगभग 35-40 फीसद कमी हो गई है। ऐसे में थोक कारोबारियों ने अरहर, चना, मटर की दालें, खड़ा चना, मटर आदि सामग्रियां जौनपुर, शाहगंज, मछलीशहर, आजमगढ़, देवरिया, फैजाबाद, गोंडा आपूर्ति करना शुरू कर दिया है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी और मंत्री गोपालजी केसरवानी का दावा है कि प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्रियों का रेट निर्धारित होने के बाद कालाबाजारी पर काफी नियंत्रण लगा है। पर्याप्त आपूर्ति होने से पहले की तरह दूसरे जिलों को भी सामान सप्लाई किया जाने लगा है।