टीबी मरीजों की जांच के लिए बनेगा अत्याधुनिक लैब
यह लैब मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग में स्थापित होगी। इसमें टीबी संबंधित जांच की कई अत्याधुनिक मशीन भी लगायी जाएंगी। जिले में अभी तक इस तरह की जांच के लिए लैब नहीं है।
प्रयागराज : गंभीर टीबी मरीजों को अब कल्चर डीएसटी (ड्रग्स सेंसटिविटी टेस्ट) के लिए लखनऊ व आगरा नहीं जाना पड़ेगा। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर में भी अब इस जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक लैब तैयार होगा। यहां एक बार में कई मरीजों की जांच एक साथ होगी और रिपोर्ट भी कम समय में उपलब्ध हो जाएगी। यह जांच पूरी तरह से मुफ्त होगी।
जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) टीबी की जांच के लिए सीबी नॉट मशीन तो उपलब्ध है,लेकिन कल्चर डीएसटी की जांच की व्यवस्था नहीं है। इस जांच से एक्सडीआर (एक्स्ट्रा ड्रग रजिस्टेंस) टीबी की भी जांच की जाती है। इसमें मरीज का बलगम डाल के यह पता लगाया जाता है कि इसमें बैक्टीरिया है या नहीं। जांच में यदि बैक्टीरिया बढ़ता है तो इसका मतलब है कि बैक्टीरिया दवाओं के प्रतिरोधी हैं। यदि वैक्टीरिया नहीं बढ़ता है तो इसका मतलब है कि दवाएं प्रभावी हैं और जीवाणु प्रतिरोधी नहीं हैं। इसके अनुरूप दवाएं दी जाती हैं।
यह लैब मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग में स्थापित होगी। इसमें टीबी संबंधित जांच की कई अत्याधुनिक मशीन भी लगायी जाएंगी। जिले में अभी तक इस तरह की जांच के लिए लैब नहीं है। जिला क्षयरोग विभाग इसकी जांच के लिए मरीजों को अभी तक लखनऊ या आगरा मेडिकल कॉलेज भेजता है। इसकी रिपोर्ट में डेढ़ से दो माह तक का समय लग जाता है। इस लैब के तैयार होने से एक सप्ताह के अंदर ही रिपोर्ट भी आ जाएगी। एक साथ कई बलगम की जांच किए जाने की व्यवस्था होगी। इस लैब से प्रयागराज के अलावा आस-पास के जिलों से आने वाले मरीजों की भी जांच हो सकेगी। अभी तक कल्चर डीएसटी की जांच यहां नहीं हो पाती थी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में लैब बनाया जाना है। इससे टीबी मरीजों की जांच व इलाज में सहूलियत होगी।
- डॉ. सीपी वर्मा, जिला क्षयरोग अधिकारी