गंगा परिक्रमा सभी नदियों और पर्यावरण के लिए करेगी ऊर्जा का काम: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
गंगा परिक्रमा से देश की सभी नदियों और पर्यावरण को ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि गंगा देश की अमूल्य धरोहर है। अध्यात्म और चिंतन की महत्वपूर्ण आधारशिला भी हैं। गंगा का महत्व वैदिक काल से ही है। काशी और प्रयागराज गंगा के किनारे बसे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व सैन्य अफसरों द्वारा गठित संस्था अतुल्य गंगा के तहत बुधवार से शुरू हो रही 5100 किलोमीटर लंबी गंगा परिक्रमा के पद यात्रियों के लिए मंगलवार को मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एमपी हॉल में वर्चुअल आशीर्वाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद यात्रियों और गंगा प्रेमियों को आशीर्वाद प्रदान किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस गंगा परिक्रमा से देश की सभी नदियों और पर्यावरण को ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि गंगा देश की अमूल्य धरोहर है। अध्यात्म और चिंतन की महत्वपूर्ण आधारशिला भी हैं। गंगा का महत्व वैदिक काल से ही है। काशी और प्रयागराज गंगा के किनारे बसे हैं। गंगा का महत्वपूर्ण योगदान देश की अर्थव्यवस्था से लेकर जल परिवहन और पर्यटन के क्षेत्र में भी है।
गंगा को निर्मल और अवरिल बनाए जाने की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि विकास की प्रक्रिया में गंगा को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए इन्हें निर्मल और अविरल बनाए जाने की महती जरूरत है। कहा कि इस हेतु ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे योजना की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 27 जनवरी 2019 को गंगा यात्रा की शुरुआत की थी। प्राणदायी गंगा के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने इस ऐतिहासिक प्रयास के लिए गंगा परिक्रमा के संयोजक एवं सदस्यों की सराहना की। कहा कि विकास ऐसा हो जो प्राकृतिक संपदा को कम से कम नुकसान पहुंचाए। इस परिक्रमा से गंगा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलेगी।