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एनसीजेडसीसी में चलते रहने का मूलमंत्र दे गए राज्यपाल Prayagraj News

योग के प्रति जिनका रुझान नहीं हो रहा है उन्हें चरैवेति-चरैवेति का राज्यपाल राम नाईक मूल मंत्र दे गए। इस शब्द का अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि सदैव चलते रहना भी योग है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 08:24 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 08:24 PM (IST)
एनसीजेडसीसी में चलते रहने का मूलमंत्र दे गए राज्यपाल Prayagraj News

 प्रयागराज, जेएनएन : योग के प्रति जिनका रुझान नहीं हो रहा है उन्हें चरैवेति-चरैवेति का राज्यपाल राम नाईक मूल मंत्र दे गए। इस शब्द का अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि सदैव चलते रहना भी योग है। यह भी कहा कि जो सुबह-सुबह उठकर योग करने में आलस करते हैं वे कम से कम पांच मिनट का समय निकालकर सूर्य नमस्कार जरूर करें। 

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एनसीजेडसीसी में कलाकृति अनावरण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक और बात कहकर लोगों को झकझोरा। कहा कि बैठने से भाग्य बैठ जाता है। अधिक सोने से भाग्य सो जाता है। लेकिन, जो चलते रहते हैं भाग्य भी उनके साथ चलता है। कहा कि जब पशु पक्षी, सूर्य और चंद्र नियमित रूप से चलते रहते हैं तो हम क्यों नहीं चल सकते। इस कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन रंजना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एनसीजेडसीसी के सहायक लेखाधिकारी राकेश सिन्हा ने किया।

योग और इच्छाशक्ति से भागा कैंसर:

राज्यपाल ने इसका खुलासा किया कि जब 60 साल के थे तब उन्हें कैंसर हो गया था। इलाज कराने के लिए मुंबई गए तो डॉक्टर ने समय से दवा खाने के लिए कहा। दवा खाने के साथ  उन्होंने योग को नहीं छोड़ा और कैंसर को खुद ही दूर भगाने की इच्छाशक्ति उत्पन्न की। आज 85 साल के हो गए हैं। बीमारी तो दूर हुई ही, उन्हें खड़े होने या चलने में किसी का सहारा तक नहीं लेना पड़ता। 

मंच पर हुई योग की संगीतमय प्रस्तुति:

 कलाकृति अनावरण के अवसर पर एनसीजेडसीसी की योग कार्यशाला के छात्र छात्राओं तथा बड़े बुजुर्गों ने भी मंच पर योग की विभिन्न कलाओं को संगीत के साथ प्रस्तुत किया। इन्हें यह प्रशिक्षण डॉ दीप्ति योगेश्वर ने दिया।

सांस्कृतिक धरोहर का विमोचन :

राज्यपाल ने एनसीजेडसीसी के त्रैमासिक लेटर सांस्कृतिक धरोहर का विमोचन किया। इसमें उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण है। 

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