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प्रतापगढ़ में संक्रमण काल में बेसहारा हुए 32 बच्चे, छह लाख से संवरेगा भविष्य, शासन से मिला बजट

ऐसे बच्चों का पूरा ब्योरा शासन में भेजा गया है। बच्चों का ब्योरा प्रोबेशन विभाग में भी सबमिट किया गया है। ऐसे बच्चों को 18 साल तक उनके खाते में हर माह चार हजार रुपये भेजे जाएंगे। इस पैसे से वह पढ़ाई में खर्च कर सकेंगे।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:15 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:15 PM (IST)
विभाग यह भी नजर रखेगा कि कहीं उस पैसे का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।प्रतापगढ़ जिले में 32 ऐसे बच्‍चे मिले हैं, जिनकी देखरेख करने वाला अब कोई नहीं है।  ऐसे बच्चों का खर्च सरकार वहन करेगी। उनकी पढ़ाई, कोचिंग, फीस आदि के खर्च के रूप में प्रत्येक बच्चों को हर माह चार हजार रुपये मिलेंगे। शासन से बजट मिल चुका है। जल्द ही उनके खाते में भेजा जाएगा।

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पढ़ाई, निजी खर्च के तौर पर हर माह मिलेंगे चार हजार

कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने हर प्रयास किए। यहां तक कि लोग संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों में कैद रहे। कोरोना काल में संक्रमण से मरने वालों की संख्या काफी है। कोरोना ने कई बच्चों के मां बाप को निगल गया। प्रोबेशन विभाग ने 32 ऐसे बच्चों का पंजीकरण किया है, जिनके के मां-पिता कोरोना की वजह से चल बसे। ऐसे बच्चों का पूरा ब्योरा शासन में भेजा गया है। बच्चों का ब्योरा प्रोबेशन विभाग में भी सबमिट किया गया है। ऐसे बच्चों को 18 साल तक उनके खाते में हर माह चार हजार रुपये भेजे जाएंगे। इस पैसे से वह पढ़ाई में खर्च कर सकेंगे। बीमार होने पर इलाज करा सकेंगे। इसके अलावा भी जरूरी काम में इस पैसे को खर्च किया जा सकता है। हालांकि शासन ने पहली किश्त के रूप में छह लाख 18 हजार रुपये का बजट प्रोबेशन विभाग को मिला है। जल्द ही दूसरी किश्त भी मिलेगी। विभाग यह भी नजर रखेगा कि कहीं उस पैसे का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है।

बच्चों के खोले गए खाते

पैसा खाते में भेजा जाए, इसके लिए बच्चों का बैंक में खाता खोला गया है। कुछ बच्चों का खाता पहले से खुला था, जबकि कई का बाद में खाता बैंक में खोलवाया गया है। विभाग प्रत्येक बच्चों के खाते में जल्द ही पैसा भेजेगा। इसके लिए शीर्ष अफसरों से विभाग सुझाव भी ले रहा है।

अधिकांश 10 साल से कम हैं बच्चे

प्रोबोशन विभाग में पंजीकृत 32 बेसहारा बच्चों में से अधिकांश 10 साल से कम हैं। जबकि एक बच्चा 17 साल का है। विभाग बच्चों को 18 साल तक देखभाल करेगा। इसके बाद बच्चों को हर माह दिए जाने वाला पैसा खाते में भेजना बंद कर देगा।

जल्‍द बच्‍चों के खाते में जाएगी रकम

जिला प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा ने बताया कि 32 बेसहारा बच्चों को हर माह चार हजार रुपये खाते में भेजा जाएगा। इस पैसे से वह पढ़ाई, कोचिंग, दवा आदि में खर्च कर सकेंगे। शासन से बजट मिल चुका है। जल्द ही पैसा बच्चों के खाते में भेजा जाएगा।  


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