बदायूं में पटाखा कारखाना में विस्फोट ने ताजा कर दी प्रयागराज की तबाही
मऊआइमा के मऊ दोस्तपुर, अल्लीपुर, जोगियान, बैरहन आदि गांवों में बड़े पैमाने पर पटाखे तैयार किए जा रहे हैं। इसी प्रकार नवाबगंज के लालगोपालगंज, कौड़िहार, हथिगंवा, मंसूराबाद आदि में आतिशबाजी के सामान तैयार किए जा रहे हैं।
प्रयागराज : बदायूं में पटाखा कारखाना में हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत ने एक बार फिर मऊआइमा में हुई भारी तबाही की याद ताजा कर दी। आठ साल पहले पटाखा के कई गोदामों में हुए धमाकों से चौदह जिंदगियां खत्म हो गई थीं। हालांकि कई बार तबाही के बाद भी प्रयागराज में पटाखों के अवैध धंधे पर पूरी तरह रोक नहीं लग सकी।
दीपावली नजदीक है, ऐसे में मऊआइमा, नवाबगंज के गांवों में चोरी छिपे पटाखे तैयार हो रहे हैं। गांवों में बने गोदाम बारूद से भरे हैं। इतना ही नहीं, शहर के पुरानी आबादी वाले मुहल्लों में बारूद की खेप आ पहुंची है। यहां उठी एक चिंगारी भारी तबाही का सबब बन सकती है। कई बार आग, विस्फोट की वजह से अब ज्यादातर हवाईदारों ने अपने गोदाम कस्बों से अंदर गांवों में कर लिया है। मौजूदा वक्त में पुरानी इमारतों में पटाखे बनाकर सप्लाई किए जा रहे हैं। मऊआइमा के मऊ दोस्तपुर, अल्लीपुर, जोगियान, बैरहन आदि गांवों में बड़े पैमाने पर पटाखे तैयार किए जा रहे हैं। इसी प्रकार नवाबगंज के लालगोपालगंज, कौड़िहार, हथिगंवा, मंसूराबाद आदि में आतिशबाजी के सामान तैयार किए जा रहे हैं। दिवाली करीब है, ऐसे में गांवों से शहर में पटाखों की खेप पहुंचने लगी है। घनी आबादी वाले रानीमंडी, दरियाबाद, मुट्ठीगंज, चौक क्षेत्र में पटाखों की खेप पहुंच चुकी है। सूबे में सबसे चर्चित रहा है मऊआइमा :
जिले का मऊआइमा कस्बा पटाखों के लिए समूचे प्रदेश में खासतौर पर जाना जाता है। यहां के बने बड़े पटाखे, गड्डे कई राज्यों में सप्लाई होते थे। यहा तैयार होने वाले कान फोड़ू विस्फोटक गड्डे, अनार व गैस लाइट प्रदेश के कोने-कोने में निर्यात होता था। आठ साल पहले हुई थी तबाही :
हवाईदारों के इलाके में तैय्यब हुसैन पुत्र मेंहदी हसन के मकान में बन रहे पटाखों के ढेर में विस्फोट हो गया था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पूरा मकान जमींदोज हो गया। आसपास के कई घरों को चपेट में लिया था। पटाखा बना रही सजनयी देवी, सितारा बेगम, कुसुम देवी, गुलशेर अहमद, आसमा बेगम, राहुल, इरफान, बदरुन निशा, खुतैजा बेगम, कमरुन निशा,गुड़िया देवी,अमरावती सहित कुल चौदह लोगों की मौत हो गयी थी। तब 19 पटाखा निर्माताओं के लाइसेंस निरस्त कर पूर्णरूप से पटाखा निर्माण पर पाबंदी लगा दी गई थी।