सृष्टि का आधार है नवसंवत्सर : आनंद
इलाहाबाद : तीर्थपुरोहित गंगासभा कार्यालय पर नवसंवत्सर पर्व पत्र का विमोचन हुआ। मुख्य अतिथि योगगुरु
इलाहाबाद : तीर्थपुरोहित गंगासभा कार्यालय पर नवसंवत्सर पर्व पत्र का विमोचन हुआ। मुख्य अतिथि योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने कहा कि नवसंवत्सर सृष्टि का आधार है। ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की। सृष्टि के समय, वर्ष, मास, ऋतु, दिन-रात, घंटा-मिनट, कला-बिकला परमपिता ब्रह्मा ने चैत्रशुक्ल प्रतिप्रदा पर किया। बोले, नवसंवत्सर के महत्व से आज की पीढ़ी अनभिज्ञ है जो हमारे लिए अच्छी बात नहीं है। हर व्यक्ति को स्वयं के बच्चों को अपनी प्राचीनतम परंपरा व संस्कृति से जोड़ना चाहिए। ऐसा करके ही आप बच्चों में संस्कार पिरो सकेंगे। जब बच्चा संस्कारी होगा तभी माता-पिता का सम्मान करेगा। अन्यथा पढ़-लिखकर वह अच्छी नौकरी तो करेगा, लेकिन बूढ़े मां-बाप को साथ रखने के बजाय अनाथालय का रास्ता दिखाएगा। संयोजक धीरज शर्मा ने नवसंवत्सर के धार्मिक व पौराणिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। अनूप बनर्जी व डॉ. चंद्रा ने भजन प्रस्तुत किया।