Coronavirus की मार से टेंट व्यवसाय आर्थिक मंदी में, सीमित आयोजन से गेस्ट हाउस में रौनक नहीं
कोरोना वारयस के संक्रमण के कारण टेंट और गेस्ट हाउस का व्यवसाय मंदा है। टेंट डेकोरेटर कैटरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों और गेस्ट हाउस मालिकों की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें शादी समारोह के आयोजन बड़े स्तर न होने से व्यापार पर पडऩे वाली मार पर चिंता जताई गई।
प्रयागराज, जेएनएन। हर ओर कोरोना वायरस और कोरोना वायरस...। जी हां, कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप फिलहाल प्रयागराज में भी कम होता नहीं नजर आ रहा है। इससे सभी लोग जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस ने
सभी कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। लगभग हर व्यवसाय से जुड़े लोग परेशान हैं, उनकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। वहीं सिक्के के दूसरे पहलू पर नजर डालें तो स्थिति और भी खराब नजर आएगी। वह यह कि व्यवसायों से हजारों गरीबों की भी रोजीरोटी जुड़ी है। इसी से मिलने वाले पैसे से उनके घरों में चूल्हा भी जलता है और बाल-बच्चों का पेट भरता है। कोरोना ने रोजगार प्रभावित किया तो खाने के लिए उनके घरों में लाले पड़े हैं।
गेस्ट हाउस का कारोबार सिमट गया है
कोरोना वायरस संक्रमण ने गेस्ट हाउस व टेंट कारोबार को भी चौपट कर दिया है। शादी-ब्याह या अन्य आयोजनों के लिए कोविड 19 गाइडलाइन के तहत ही परमीशन है। सीमित संख्या में ही लोग इन आयोजनों में जुट सकते हैं। ऐसे में गेस्ट हाउस में आयोजन करने या फिर टेंट आदि लगवाने से लोग भी बच रहे हैं। इसके चलते ये कारोबार प्रभावित हुए हैं। कुछ कारोबारी तो धंधा ही बंद करने का मन बना चुके हैं। लिहाजा कारोबार सिमट गया है। अगले सहालग तक भी इस सेक्टर का व्यापार चढऩे की उम्मीद नहीं नजर आ रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
टेंट डेकोरेटर कैटरर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ऑनलाइन बैठक
टेंट डेकोरेटर कैटरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों और गेस्ट हाउस मालिकों की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें शादी समारोह के आयोजन बड़े स्तर न होने से व्यापार पर पडऩे वाली मार पर चिंता जताई गई। सरकार से विवाह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या के बजाय गेस्ट हाउस या विवाह स्थलों की जगह के आधार पर संख्या निर्धारण की अनुमति देने की मांग की गई।
कोरोना के कारण रोजगार पूरी तरह से चौपट : दिनेश
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा का कहना है कि इस व्यवसाय से हजारों लोगों का रोजगार चलता था। लेकिन कोरोना के कारण रोजगार पूरी तरह से चौपट हो गया है। शादी-विवाह के आयोजनों में काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं। उनके सामने घर के खर्चे गुजारे का संकट है। शादी समारोह में 100 लोगों की संख्या तय कर देने से कोई बड़े शुभ कार्य नहीं हो रहे हैं। कहा कि उनकी मांगें मान लिए जाने पर देश भर में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का रोजगार फिर से फल-फूल सकेगा और अर्थव्यवस्था का पहिया धीरे-धीरे पटरी पर आ जाएगी।
हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता था : विपिन
इसी प्रकार एसोसिएशन के सदस्य विपिन अग्रवाल ने कहा कि टेंट और डेकोरेशन का काम केवल एक व्यवसाय ही नहीं है, बल्कि इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है, जो आज के समय में सरकार के सामने भी बड़ी चुनौती है। बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष बालकृष्ण अग्रवाल, महामंत्री रामजी, प्रियंक अग्रवाल, बीके शर्मा, राजू सोनकर, मनोज श्रीवास्तव, अनुज माथुर, अमित अग्रवाल, प्रदीप केसरवानी, संदीप श्रीवास्तव आदि शामिल थे।