कारोबारियों को हर महीने आइटीसी का लाभ लेने में फंसेगा तकनीकी पेच Prayagraj News
व्यापारियों को आइटीसी का पूरा लाभ तभी मिलेगा जब उनका बिल इसमें दिखाई देगा। जिन व्यापारियों का बिल दिखाई नहीं देगा उन्हें सिर्फ 20 फीसद ही आइटीसी मिलेगा।
प्रयागराज,जेएनएन । डेढ़ करोड़ रुपये से नीचे के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को अब हर महीने आसानी से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा। अब इसमें तकनीकी पेच फंसेगा। आइटीसी का पूरा लाभ लेने के लिए उन्हें तीन महीने तक इंतजार करना पड़ेगा।
जीएसटीआर-2 ए फार्म भरना अनिवार्य
डेढ़ करोड़ रुपये से नीचे के सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को तिमाही रिटर्न (जीएसटीआर-1) भरना पड़ता है, जबकि इससे ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर महीने 11 तारीख तक रिटर्न भरना होता है। हालांकि, वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) काउंसिल ने अक्टूबर से व्यापारियों के लिए जीएसटीआर-2 ए फार्म भरना भी अनिवार्य कर दिया है।
बिल दिखने पर मिलेगा शेष 80 फीसद आइटीसी
इसमें यह भी बाध्यता कर दी गई है कि व्यापारियों को आइटीसी का पूरा लाभ तभी मिलेगा, जब उनका बिल इसमें दिखाई देगा। जिन व्यापारियों का बिल दिखाई नहीं देगा, उन्हें सिर्फ 20 फीसद ही आइटीसी मिलेगा। बाकी 80 फीसद आइटीसी बिल दिखाई देने के बाद मिलेगा। इससे मुश्किल उन व्यापारियों को होगी, जिनका सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ रुपये से कम है, क्योंकि उन्हें तिमाही जीएसटीआर-1 फाइल करना होता है। ऐसे में हर महीने उनका बिल जीएसटीआर-2 ए में दिखाई नहीं देगा। लिहाजा, उन्हें शत-प्रतिशत आइटीसी नहीं मिल सकेगा। इसके लिए उन्हें तीन महीने तक इंतजार करना होगा। तिमाही रिटर्न भरने पर ही बिल दिखाई देगा, तब बाकी आइटीसी मिलेगा। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि पहले जीएसटीआर-2 ए मिलाने की जरूरत नहीं होती थी। व्यापारी अनुमान के आधार पर आइटीसी का लाभ लेता था। अब उसे इंतजार करना पड़ेगा। कहीं कोई चूक हो गई तो उसे आइटीसी के लिए परेशानी झेलनी पड़ेगी।