शिक्षिकाओं के यौन उत्पीडऩ मामले में अब गेंद हाईकोर्ट के पाले में
इंडियन गर्ल्स इंटरमीडिएट काॅलेज की शिक्षिकाओं के यौन उत्पीड़न का मामला हाईकोर्ट में पेश होगा। इसकी वजह से जिला प्रशासन सीधी कार्रवाई करने से बच रहा है।
प्रयागराज : इंडियन गर्ल्स इंटरमीडिएट कॉलेज में शिक्षिकाओं के यौन उत्पीडऩ मामले में गेंद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के पाले में है। सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच पूरी कर ली है। यह रिपोर्ट अब हाईकोर्ट में 19 नवंबर को पेश की जाएगी। हाईकोर्ट में मामला जाने के कारण जिला प्रशासन इस मामले में सीधे कार्रवाई करने से कतरा रहा है।
यौन उत्पीडऩ मामले में सिटी मजिस्ट्रेट विश्व भूषण मिश्रा ने बुधवार को पीडि़त शिक्षिकाओं के बयान दर्ज किए थे। सिटी मजिस्ट्रेट ने कॉलेज का दौरा कर आरोप के सापेक्ष सुबूत जुटाए थे। सूत्रों के मुताबिक शिक्षिकाओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडऩ के अधिकांश आरोप सही पाए गए हैं। प्रबंधक द्वारा शिक्षिकाओं के यौन उत्पीडऩ के साक्ष्य मिले हैं। इसकी पुष्टि के लिए सर्विस बुक से लेकर तमाम दस्तावेज खंगाले गए थे।
शिक्षिकाएं प्रबंधक द्वारा किए जा रहे उत्पीडऩ की कहानी बयां करते करते फूट-फूटकर रोने लगी थीं। शिक्षिकाओं ने प्रबंधक के ऊपर मानसिक व शारीरिक उत्पीडऩ करने, डरा धमकाकर जनशक्ति के नाम पर लाखों रुपये वसूलने, जन्मदिन पर महंगे उपहार लेने, पैर छूने का दबाव बनाने और आशीर्वाद के नाम पर शिक्षिकाओं के शरीर पर हाथ लगाने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।
इस संबंध में जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि जांच रिपोर्ट की भाषा में कुछ संशोधन कराया गया है। रिपोर्ट को 19 नवंबर को हाईकोर्ट के समक्ष रखा जाएगा। कहा कि इस मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा।
क्या था मामला :
इंडियन गर्ल्स इंटर कॉलेज की 16 शिक्षिकाओं ने आरोप लगाया था कि प्रबंधक उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीडऩ कर रहा है। छेड़खानी और उत्पीडऩ में प्रधानाचार्या और पूर्व प्रधानाचार्या सहयोग करती हैं। मी टू के इस मामले की शिकायत पुलिस अफसरों के साथ शिक्षा विभाग के अफसरों से की गई थी। पिछले दिनों सहायक अध्यापिका ने तहरीर देकर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले को लेकर पिछले दिनों शिक्षकाओं को बंधक बना लिया गया था। शिकायत करने वाली शिक्षिकाओं को धमकाया गया। इसे लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ था।