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जानें, कहीं आपके दो लाख रुपये तो टीडीएस के रूप में नहीं कटने वाले Prayagraj News

बैैंक खाते से सालाना एक करोड़ से अधिक रुपये निकालने वाले अब होशियार हो जाएं क्‍योंकि अब इस राशि पर दो फीसद टीडीएस कटेगा। शहर में ऐसे 15 हजार से अधिक ऐसे लोग हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 08:59 AM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 08:59 AM (IST)
जानें, कहीं आपके दो लाख रुपये तो टीडीएस के रूप में नहीं कटने वाले Prayagraj News
जानें, कहीं आपके दो लाख रुपये तो टीडीएस के रूप में नहीं कटने वाले Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जिले में 15 हजार से अधिक ऐसे लोग हैैं जो बैैंकों से सालाना एक करोड़ या उससे अधिक रकम निकालते हैैं। इनमें व्यापारी तो शामिल ही हैैं, बड़ी संख्या कबाड़ का कारोबार करने वालों और खाड़ी देशों से रकम मंगाने वालों की भी है। उनके एक से अधिक बैैंकों में खाते भी हैैं। अब ऐसे लोग यदि पूरे साल में अपने बैैंक खातों से एक करोड़ रुपये या उससे अधिक रकम निकालते हैैं तो दो फीसद, यानी दो लाख रुपये टीडीएस हो जाएगा। नई व्यवस्था एक सितंबर से लागू हो रही है।

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कबाड़ के व्‍यापारी भी रकम नगद ही देते हैं

कीडगंज, नैनी, कटरा में कबाड़ का कारोबार करने वालों की बड़ी संख्या है। स्क्रैप समेत पुराना सामान खरीदने के लिए ये कारोबारी ज्यादातर रकम नगद में ही अदा करते हैैं। इसमें व्यापारियों की भी बड़ी संख्या है। ऐसे लोग भी इस श्रेणी में हैैं जो मकान बनवाने या फिर अन्य कामों के लिए बैैंकों से मोटी रकम निकालते हैैं। कीडगंज के एक कारोबारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि निजी पुराने ट्रक, बस, लोहा आदि खरीदने के दौरान बेचने वाला व्यक्ति रकम नकद लेना चाहता है। ऐसे में बैैंक से रकम निकाल कर देनी पड़ती है।

सरकार के इस फैसले से अब कारोबार भी प्रभावित होगा

इसके साथ पुराने बड़े मकान के स्थान पर लोग नया निर्माण कराने के लिए उसे गिरवाते हैैं। इसमें ईंट, दरवाजे, बल्ली, लोहे के एंगल आदि के सामान निकलते हैं। उसे जब खरीदते हैं तो नगद में ही भुगतान करना पड़ता है। इसके लिए भी बैैंक से ही रकम निकालनी पड़ती है। सरकार के इस फैसले से अब कारोबार भी प्रभावित होगा।

कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल बोले

कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल का कहना है कि इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य शहर के उन लोगों को सामने लाना है जो बड़ी रकम बैैंक में रखते हैैं और आयकर नियमों का पालन नहीं करते। न रिटर्न दाखिल करते हैैं। आयकर विभाग ने शहर में ऐसे लोगों की पहचान कर ली है।

खाड़ी देशों से आती है काफी रकम

शहर में खाड़ी देशों से बड़े पैमाने पर रकम आती है। यहां काफी ऐसे लोग रहते हैैं जिनके नाते-रिश्तेदार खाड़ी देशों में काम-धंधा करते हैैं और अपने परिवार को रकम भेजने के लिए एजेंटों का भी सहारा लेते हैैं। करेली, करैलाबाग, नैनी, गद्दोपुर फाफामऊ, बमरौली में ऐसे एजेंट है जो अपने बैैंक खातों में खाड़ी देशों से रकम ट्रांसफर कराते हैैं और संबंधित व्यक्ति को देते हैैं। इसके लिए कमीशन लेते हैैं।

रकम निकालने का औचित्य बताने पर होगी वापसी

एक करोड़ या उससे अधिक रकम बैैंक से निकालने पर दो फीसद टीडीएस कटेगा। इसमें रिफंड भी की व्यवस्था है। आयकर अधिनियम के तहत कर निर्धारण अधिकारी समकक्ष रकम निकालने की सही जानकारी देने पर टीडीएस की रकम वापस करने का प्रावधान है। ऐसी स्थिति में टीडीएस की रकम रिफंड हो सकती है या उसे अगले वर्ष के आयकर में समायोजित किया जा सकता है।


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