Kumbh mela 2019 : कुंभ में चल रहा गंगा रक्षा के लिए बलिदानी तप
स्वामी आत्मबोधानंद गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ अनशन पर हैं। वह इन दिनों कुंभ मेला क्षेत्र में हैं। कहते हैं कि गंगा अविरल बहती रहे।
श्रीनारायण मिश्र, प्रयागराज : गंगा की अविरलता, निर्मलता और अवैध खनन से मुक्ति के लिए हरिद्वार में चल रहे तप की तपिश इन दिनों कुंभ मेला क्षेत्र में हैं। मातृसदन के स्वामी शिवानंद के शिष्य आत्म प्रबोधानंद इस निमित्त 95 दिनों से अनशन पर हैं। इससे पूर्व स्वामी निगमानंद, ज्ञानस्वरूप सानंद, गोकुलानंद, नागनाथ जैसे संत इसी पवित्र ध्येय के लिए अपने प्राणों की आहूति दे चुके हैं। बावजूद इसके गंगा के लिए पर्याप्त काम न होने पर स्वामी शिवानंद बेहद खफा हैं।
22 जनवरी को मातृ सदन के सेक्टर 14 स्थित शिविर में संस्था प्रमुख स्वामी शिवानंद अपने शिष्यों के साथ पहुंच गए हैं। उनके शिष्य 26 वर्षीय ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 24 अक्टूबर, 2018 से आमरण अनशन पर हैं। केरल में कंप्यूटर साइंस में स्नातक की पढ़ाई कर रहे आत्मबोधानंद ने संन्यास का रास्ता पकड़ा तो करीब 21 वर्ष की आयु से स्वामी शिवानंद के शिष्य हैं।
...ताकि अविरल बह सके गंगा
गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद उर्फ प्रो. जीडी अग्रवाल का वर्ष 2018 में देहांत हुआ तो उसके बाद से ही आत्मबोधानंद आमरण अनशन का तप कर रहे हैं। स्वामी शिवानंद कहते हैं कि गंगा हमारी मां हैं। यह तप गंगा के लिए चल रहा है। यह अनवरत है। सरकार को साधुओं की इस चिंता पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन हो उल्टा रहा है। प्रयागराज की धरा पर भी तीन माह से अधिक समय से अनशनरत साधु के स्वास्थ्य की चिंता प्रशासन को नहीं है।
गंगा के लिए प्राणों की आहूति का इतिहास
- 112 दिनों के आमरण अनशन के बाद वर्ष 2018 में स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का निधन।
- 114 दिन के अनशन के बाद 2014 में वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर बाबा नागनाथ की मौत।
- 115 दिन से अनशन कर रहे 35 वर्षीय स्वामी निगमानंद की वर्ष 2011 में हुई थी मौत
- इससे पहले अनशन करने वाले स्वामी गोकुलानंद की वर्ष 2003 में हो गई थी हत्या
छात्रों में आक्रोश, उतरेंगे सड़कों पर
राष्ट्रीय गंगा सत्याग्रह के मीडिया प्रभारी शोध छात्र रामबाबू तिवारी, इविवि के छात्र परीक्षित कृष्ण शर्मा ने कहा कि छात्र मातृसदन के इस आंदोलन के साथ हैं। छात्र सड़कों पर उतरकर भी इस आंदोलन की पैरवी करेंगे और सरकार से इनकी मांगें स्वीकार करने की मांग करते हैं, ताकि स्वामी आत्मबोधानंद का अनशन समाप्त करवाया जा सके। अनशन स्थल पर स्वामी दयानंद, पंकज, प्रणव मिश्र महेंद्र, गौरव पांडे, अंकित, अमित सिंह, रवि राजभर, ज्ञान पटेल, स्वामी सीताराम जी महाराज, पूर्णानंद सरस्वती, लक्ष्मीकांत चौधरी आदि मौजूद हैं।