परेड क्षेत्र में पानी और सीवर की होगी स्थायी व्यवस्था
कुंभ मेले और माघमेले के अलावा भी कभी भी संगम क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा जाएगा। परेड इलाके में पानी और सीवर की स्थाई व्यवस्था की जाएगी। पाइप लाइन बिछाने और ओवरहेड टैंक बनाने के लिए जल निगम साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च करेगा।
जासं, इलाहाबाद : कुंभ और माघ मेले के बाद (अन्य महीनों में) भी अब संगम क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पानी, शौचालय आदि के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जी, हां यह संभव होगा परेड मैदान क्षेत्र और बड़े हनुमान मंदिर के आसपास होने वाले सीवर और पानी के स्थायी इंतजाम से। जलापूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए जलनिगम करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च करेगा, जबकि सीवरेज व्यवस्था के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई प्रस्ताव बना रहा है।
कुंभ और माघ मेले के दौरान तंबुओं की नगरी में हर इंतजाम होते हैं, लेकिन मेले के बाद संगम और परेड क्षेत्र में इंतजाम के नाम पर 'वीरानगी' सी हो जाती है। हालांकि, संगम क्षेत्र में देश के प्रत्येक कोने से श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना-जाना पूरे साल लगा रहता है। ऐसे में उन्हें पानी पीने के लिए 15-20 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जबकि शौच के लिए किनारे ढूंढने पड़ते हैं। इन समस्याओं के प्रति 'दैनिक जागरण' ने अभियान चलाकर प्रशासन का ध्यान खींचा था। सो, मंडलायुक्त आशीष कुमार गोयल ने परेड क्षेत्र में सीवर और पानी के स्थायी इंतजाम के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जलनिगम और इकाई के अधिकारियों को दिए थे। जलनिगम ने कुंभ के बजट से करीब 11 किमी. क्षेत्रफल में पानी की पाइप लाइन बिछाने, एक नलकूप लगाने और बड़े हनुमान मंदिर के पास ओवरहेड टैंक बनाने के लिए करीब 3.5 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है। करीब 9-10 किमी. सीवर लाइन भी बिछाने के लिए 'नमामि गंगे' योजना के तहत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह काम कुंभ के पहले होने हैं।
स्टैंडपोस्ट और शौचालय भी बनेंगे: माना जा रहा है कि पानी और सीवर की लाइनें बिछने के बाद स्टैंडपोस्ट और शौचालय भी बनेंगे। बहरहाल, इनकी संख्या कितनी होगी। इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
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वर्जन--
जलापूर्ति की स्थायी व्यवस्था के लिए कैंटोनमेंट बोर्ड से स्वीकृति मांगी गई है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।
अमित कटियार, अधिशासी अभियंता, जलनिगम।