Kumbh Mela 2019: चुनावी राजनीति में सफलता के लिए आस्था पर अनुष्ठान का रंग
लोकसभा चुनाव में जीतकर नेता संसद पहुंचना चाहते हैं। कुछ टिकट पाना चाहते हैं तो कुछ मंत्री बनना चाहते हैं। ताजा माहौल में धर्म, अध्यात्म और आस्था की नगरी में राजनीतिक रंग भी चढ़ा है।
प्रयागराज, जेएनएन। लोकसभा चुनाव करीब है। अधिकतर नेता चुनाव में जीतकर संसद पहुंचना चाहते हैं। कुछ टिकट पाना चाहते हैं तो कुछ मंत्री बनना चाहते हैं। ताजा माहौल में धर्म, अध्यात्म और आस्था की नगरी में राजनीतिक रंग कहीं से कम नहीं है। कई नेता 2019 लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए अध्यात्म का सहारा ले रहे हैं। कई संत अपने शिष्यों को लोकसभा 2019 में टिकट दिलाने एवं विजयश्री प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जप और शतंचडी यज्ञ कर रहे हैं। इसके लिए अपने दल के बड़े नेताओं की परिक्रमा करने के साथ प्रयाग में अनुष्ठान भी करा रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग राजनीतिक दल के नेता संगम में गोता लगा रहे हैं। संतों के दर पर मत्था टेककर आशीष लेने के लिए भी नेताओं में होड़ है।
हर तरफ अनुष्ठान ही अनुष्ठान
जगदगुरु स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ कुछ ऐसा ही अनुष्ठान कर रहे हैं। इनके शिविर में शतचंडी यज्ञ चल रहा है। वह आगरा, रामपुर, मथुरा, कोलकाता के अलावा अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर सहित अनेक प्रदेशों में अपने नेता शिष्यों को राजनीतिक उपलब्धि दिलाने को अनुष्ठान करा रहे हैं। दंडी स्वामीनगर में अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के संरक्षक जगदगुरु स्वामी महेशाश्रम कुरुक्षेत्र, पटना, जयपुर सहित अनेक शिष्यों को टिकट दिलाने के लिए महामृत्युंजय जप, रुद्राभिषेक करने में लीन हैं। महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व गुजरात के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लडऩे की इच्छा रखने वाले शिष्यों के लिए महामृत्युंजय जप करवा रहे हैं। इनके अलावा स्वामी रामतीर्थ दास, महामंडलेश्वर सरयूदास, श्रीमहंत नारायण गिरि भी शिष्यों के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं।
शिष्य का रहना जरूरी नहीं
संत प्रतिदिन एक शिष्य के लिए एक घंटे अनुष्ठान करते हैं। अनुष्ठान भोर से आरंभ होकर सुबह दस बजे तक चलता है। फिर शाम सात बजे से 12 बजे तक यज्ञकुंड में आहुतियां डाली जाती हैं। एक शिष्य के लिए एक सप्ताह अनुष्ठान करते हैं। संतों के अनुष्ठान में उनके शिष्य शामिल नहीं होते। कुछ के परिवार के लोग शामिल होते हैं, जबकि कुछ अनुष्ठान की धनराशि देकर चले गए हैं। कई के घर जाकर संत संकल्प कराकर प्रयाग में अनुष्ठान करा रहे हैं। संतों के अनुष्ठान की खासियत यह है कि वह किसी दल विशेष के नेता के लिए अनुष्ठान नहीं करा रहे हैं। हर संत कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा सहित अनेक पार्टी के नेताओं के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं।
राजनीति करने वाले शिष्यों की सफलता हमारी चिंता
संरक्षक अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति जगदगुरु स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि शिष्य का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। वह राजनीति कर रहे हैं तो वहां भी उन्हें सफलता मिले, यह हमारी चिंता है। इसके लिए अलग-अलग दल के नेताओं के लिए अनुष्ठान चल रहा है। जगदगुरु अधोक्षजानंद ने कहा कि धर्मनीति के जरिए राजनीति चलेगी तो जनकल्याण होगा। मैं ऐसे आस्थावान राजनेताओं के हित के लिए अनुष्ठान कर रहा हूं, जिससे 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सफलता मिले।