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गंगा ने अचानक बदला रुख, अब पश्चिम दिशा में कटान

गंगा नदी के रुख ने मेला प्रशासन की योजना को भरपूर झटका दिया है। खाक चौक के लिए जिस जमीन को प्रशासन ने तय किया था, वह कटान का शिकार हो गई। ऐसे में मेला प्रशासन अब खाक चौक के लिए नई जमीन का इंतजाम कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 06:00 AM (IST)
गंगा ने अचानक बदला रुख, अब पश्चिम दिशा में कटान

प्रयागराज : गंगा नदी ने अचानक रुख बदल दिया है। अभी तक जहां नदी का रुख पूरब दिशा की ओर था, वहीं अब नदी ने पश्चिम का रास्ता अपना लिया है। इससे कटान शुरू हो गया है। नदी के इस रुख से मेला प्रशासन के सामने भूमि की स्थिति भी स्पष्ट नहीं हो पा रही है। उधर, सिंचाई विभाग के अफसरों का मानना है कि नवंबर माह के अंत तक ही गंगा के रुख में स्थायित्व आएगा। गंगा नदी के रुख ने मेला प्रशासन की योजना को भरपूर झटका दिया है। खाक चौक के लिए जिस जमीन को प्रशासन ने तय किया था, वह कटान का शिकार हो गई। ऐसे में मेला प्रशासन अब खाक चौक के लिए नई जमीन का इंतजाम कर रहा है। सोमवार को खाक चौक के संत जब प्रयागराज पहुंचेंगे तो इस बात पर कुछ रार भी सामने आ सकती है। यह स्थिति चल ही रही थी कि शनिवार शाम से नदी के रुख में अचानक बदलाव आ गया। नदी ने पश्चिम दिशा का रुख कर लिया। इसकी वजह से काली घाट के पास नदी का पानी रविवार को काफी आगे बढ़ गया। पानी वहां तक पहुंच गया, जहां प्रशासन ने एक धारा को ड्रेजिंग के जरिए समाप्त किया था। इसके अलावा यमुना की तरफ भी गंगा अब पश्चिम रुख करके बढ़ रही हैं। ऐसे में संगम के भी करीब आने के आसार हैं। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि गंगा का रुख फिलहाल पश्चिम दिशा की ओर हो गया है। अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। नवंबर माह के अंत तक नदी की धारा का स्थायी रुख स्पष्ट हो सकेगा। कहां मिलेगी खाक चौक को जमीन :

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वैष्णव संतों के संगठन खाक चौक के लिए जमीन तलाशना मेला प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। गंगा के पूरब वाहिनी होने पर नदी ने भारी कटान कर दिया था, जिसकी वजह से खाक चौक की जमीन चली गई। अब मेला प्रशासन भीतरखाने खाक चौक को सेक्टर पांच में बसाने की योजना बना रहा है, लेकिन खाक चौक के संत इसके लिए कतई तैयार नजर नहीं आते। खाक चौक के प्रमुख महामंडलेश्वर संतोष उर्फ सतुआ बाबा अपने संतों के साथ सोमवार को प्रयागराज पहुंच रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिस परंपरा के अनुसार माघ मेले में खाक चौक को बसाया जाता है। उसी प्रकार बसाया जाना चाहिए। इसमें किसी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। उधर, उप मेलाधिकारी प्रथम राजीव राय ने बताया कि संतों के साथ पूरा समन्वय है। उनके सुझाव के अनुसार ही उन्हें बसाया जाएगा। 15 से 20 हजार क्यूसेक पानी की आमद :

गंगा में इन दिनों 15 से 20 हजार क्यूसेक पानी रोज छोड़ा जा रहा है। सिंचाई की जरूरत कम होने के कारण नदी में इन दिनों पानी अधिक आ रहा है। इस वजह से भी नदी के कटान को थामने में सिंचाई विभाग के अफसरों के सामने मुश्किलें आ रही हैं।


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