क्रेट परिणाम निरस्त करने के विरोध में कोर्ट जाएंगे अभ्यर्थी Prayagraj News
अभ्यर्थियों ने धांधली का आरोप लगाते हुए शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) से की और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) पीएमओ के अलावा राज्यपाल से की।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में धांधली के आरोप में निरस्त किए गए संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट-2019) परिणाम के विरोध में अब सफल अभ्यर्थियों का विरोध तेज हो गया है। सफल अभ्यर्थियों ने मंगलवार को कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी को पत्र लिखकर फैसला वापस लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दिया कि यदि फैसला वापस नहीं हुआ तो वह हाईकोर्ट में इसके खिलाफ चुनौती देंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से की गई थी परीक्षा में धांधली की शिकायत
वाणिज्य विभाग में कुल 55 सीटों के लिए क्रेट का आयोजन 20 मई 2019 को किया गया था। अगस्त में लिखित परीक्षा परिणाम में कुल 119 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसके बाद 21 सितंबर को साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया। साक्षात्कार का परिणाम आया तो अभ्यर्थियों ने धांधली का आरोप लगाते हुए शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) से की और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), पीएमओ के अलावा राज्यपाल से की। साथ ही तीन अभ्यर्थी अभिषेक तिवारी, सृष्टि सिंह और कल्पना ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
संकायाध्यक्षों की बैठक में परिणाम निरस्त करने का हुआ निर्णय
मामले में कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी ने पिछले दिनों चारों संकाय के डीन के साथ बैठक कर परिणाम निरस्त कर दिया। मंगलवार को सफल अभ्यर्थियों ने फैसला वापस लेने की मांग की। साथ ही बताया कि सभी दस्तावेज आरडीसी को अग्रसारित किए जा चुके हैं। अब सिर्फ फीस जमा किया जाना है ऐसे में पूरे परिणाम को निरस्त करना तुगलकी फरमान है। अभ्यर्थियों ने कुलपति को 24 घंटे में निर्णय वापस लेने का समय दिया है। चेतावनी दी कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वह हाईकोर्ट जाएंगे।