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राहुल जी शहर कांग्रेस दफ्तर का किराया जमा कराएं!

कांग्रेस कमेटी के शहर कार्यालय का महज 35 रुपये किराया 20 साल से नहीं जमा हो रहा है। कोर्ट ने एकमुश्त किराए भगतान की नोटिस जारी की तो कांग्रेसियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राराुल गांधी से गुहार लगाई है। -पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर ल

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 06:03 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 06:03 AM (IST)
राहुल जी शहर कांग्रेस दफ्तर का किराया जमा कराएं!
राहुल जी शहर कांग्रेस दफ्तर का किराया जमा कराएं!

जासं, इलाहाबाद : जिस शहर कांग्रेस कमेटी की पहली अध्यक्ष कमला नेहरू रहीं हों। दूसरे अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू खुद रहे हों। ऐसे शहर कार्यालय का महज 35 रुपये प्रतिमाह का किराया भी कांग्रेस जमा नहीं कर पा रही है। कोर्ट ने जब 20 सालों के एकमुश्त किराए के भुगतान का नोटिस जारी किया तो कांग्रेसियों ने इसके लिए भी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से गुहार लगाई है।

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वर्ष 1938 में चौक में प्रथम तल पर लगभग तीन हजार स्क्वायर फीट में शहर कांग्रेस का कार्यालय बनाया गया था। कमला नेहरू पहली और पंडित जवाहर लाल नेहरू दूसरे अध्यक्ष बने थे। कार्यालय का नाम जवाहर स्क्वायर रखा गया था। 1983 तक जवाहर स्क्वायर बीएसयू ट्रस्ट का हिस्सा था, इसलिए किरायेदारी की समस्या नहीं आई। इसके बाद जब इसका मालिकाना हक राजकुमार सारस्वत और बिल्लू पुरवार को मिला तो उन्होंने किराए की मांग की। इसके खिलाफ तत्कालीन शहर उपाध्यक्ष ने हदय नारायण मेहरोत्रा ने जिला न्यायालय में मुकदमा दायर किया। जिला कोर्ट ने कांग्रेस के खिलाफ निर्णय दिया तो कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंची। जहां 1990 में उसके हक में फैसला हुआ।

इसके बाद राजकुमार सारस्वत और बिल्लू पुरवार ने न्यायालय में भवन खाली कराने का मुकदमा जिला न्यायालय में दायर किया। इसी की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किराया जमा कराने का नोटिस जारी किया है। किराया न जमा करने पर जुलाई माह के बाद यह भवन कांग्रेस को खाली करना पड़ेगा। इससे कांग्रेसी बेहद बेचैन हैं, लेकिन यह किराया चुकाने के लिए अभी कोई आगे नहीं आया। हालांकि शहर अध्यक्ष अनिल द्विवेदी कहते हैं कि जानकारी के अभाव में किराया जमा नहीं हो पाया। जल्द ही किराया जमा करा दिया जाएगा। उधर, प्रदेश प्रवक्ता किशोर वाष्र्णेय का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेशाध्यक्ष को इस बाबत पत्र भेजा गया है। वहां से भुगतान नहीं हुआ तो चंदा लगाकर किराया जमा कराया जाएगा।


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