वह होनहार था लेकिन माता-पिता की उम्मीद पर खरा नहीं उतरा, लगाई फांसी Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। सुसाइड लेटर में पुलिस और प्रशासन से परिवार वालों को परेशान न करने की गुजारिश की थी। उसे नौकरी नहीं मिल रही थी।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीएससी के छात्र केशव तिवारी ने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाने की वजह से अपनी इहलीला खत्म की थी। हालांकि वह होनहार छात्र था लेकिन नौकरी नहीं लगने की वजह से वह अवसाद में था। उसने फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। जानकारी होने पर दारागंज पहुंचे उसके परिवार वाले फंदे पर लटकती लाश देख फफक पड़े। पोस्टमार्टम कराए बिना ही शव लेकर गांव चले गए।
...पुलिस और प्रशासन मेरे परिवार वालों को परेशान न करे
छात्र के कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा था कि मैं अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा हूं। मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं, पुलिस और प्रशासन मेरे परिवार वालों को परेशान न करे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहा केशव तिवारी मूलरूप से देवरिया के पथरदेवा थाना क्षेत्र स्थित विशुनपुर गांव का रहने वाला था। यहां वह किराए का कमरा लेकर रहता था। रविवार रात वह अपने रूम पार्टनर धनंजय शर्मा को प्रयाग स्टेशन पर छोड़ कर कमरे पर वापस आया। सोमवार दोपहर तक कमरे से बाहर नहीं निकला तो साथी छात्रों को अनहोनी की आशंका हुई। रोशनदान से देखा तो अवाक रह गए। केशव फंदे पर लटक रहा था। परिजनों ने पुलिस से कहा था कि उनके आने पर ही कमरा खोला जाए, इसलिए मंगलवार को दरवाजा खोला गया।
बोले थानाध्यक्ष दारागंंज
थानाध्यक्ष दारागंज आशुतोष तिवारी का कहना है कि घरवालों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया है। नौकरी न मिलने के कारण केशव अपने माता-पिता की उम्मीद को पूरा नहीं कर पा रहा था। यही उसके अवसाद की वजह था।