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दिन ढले प्रयागराज की सड़कों पर Street Dogs बने बड़ा खतरा, दौड़ाकर काट रहे, नगर निगम को नहीं फिक्र

मौजूदा समय में प्रयागराज शहर में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 20 हजार है। पुराने शहर में इन अवारा श्वान की संख्या ज्यादा है। रात के वक्त घर से निकलने या फिर घर लौटते वक्त इनसे बचकर जाना बेहद मुश्किल भरा काम हो गया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 01:24 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 01:24 PM (IST)
दिन ढले प्रयागराज की सड़कों पर Street Dogs बने बड़ा खतरा, दौड़ाकर काट रहे, नगर निगम को नहीं फिक्र
एजेंसी चयन की प्रक्रिया नहीं हो सकी पूरी, रोज काट रहे हैं सड़क पर टहलते श्वान

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर की सड़कों पर दिन ढलने के बाद राहगीरों के सामने एक खतरा मंडराने लगता है। ये खतरा हैं सड़कों पर घूमते street Dogs यानी अवारा टहलते कुत्ते। आवारा कुत्तों (श्नवान) को पकड़ने पर रोक लगी होने के कारण नगर निगम का पशुधन विभाग इसके लिए आगे नहीं आता। कुत्तों के उग्र स्वभाव पर नियंत्रण लगाने के लिए शासन ने बंध्याकरण कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, विभाग द्वारा अब तक इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा सका है। इससे शहर में रोज ही कुछ लोग इन कुत्तों के काटने पर जख्मी होकर इलाज करा रहे हैं। इनसे बचने के लिए भागने पर अक्सर गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने पर भी लोग घायल हो रहे हैं मगर इसका कोई उपाय नहीं निकाला जा रहा है।

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20 हजार से ज्यादा अवारा श्वान शहर में

बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में प्रयागराज शहर में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 20 हजार है। पुराने शहर में इन अवारा श्वान की संख्या ज्यादा है। रात के वक्त घर से निकलने या फिर घर लौटते वक्त इनसे बचकर जाना बेहद मुश्किल भरा काम हो गया है। लूकरगंज हो गया कटरा, मीरापुर हो या कालिंदीपुरम कालोनी, राजरूपपुर से लेकर चकिया , मुंडेरा, गोविंदपुर कालोनी हर तरफ इन अवारा कुत्तों का आतंक है। दिन में तो ज्यादा आवाजाही होने पर ये शांत रहते हैं लेकिन देर शाम के बाद सड़कों पर इन श्वान का आतंक बढ़ जाता है। इनसे बचकर निकल पाना वाहन चालकों के लिए आसान नहीं होता है। यह दो पहिया वाहन चालकों को दौड़ाकर काटते हैं। डर के कारण अक्सर लोग गाड़ी की रफ्तार बढ़ाने भागने के प्रयास में हादसे का शिकार हो जाते हैं। फिर भी निगम की ओर से आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। हालांकि, कुत्तों के बंध्याकरण के लिए प्रक्रिया करीब दो साल से चल रही है। एजेंसी चयन के लिए तीन बार टेंडर भी निकाला जा चुका है। दो बार टेंडर में एजेंसियां शामिल नहीं हुईं। तीसरी बार एक एजेंसी शामिल हुई लेकिन, वह भी फाइनल नहीं हो सकी। मामले को लटकाए रखा गया है। आखिरी बार टेंडर करीब तीन महीने पहले निकाला गया था।

इन क्षेत्रों में ज्यादा है इनका खतरा

जानसेनगंज, चौक, शाहगंज, स्टेशन रोड, रोशनबाग, खुल्दाबाद, अटाला, रसूलपुर, दरियाबाद, बलुआघाट, अतरसुइया, दारागंज, हटिया, बहादुरगंज, रोशनबाग, हिम्मतगंज, लूकरगंज, चकिया, करेली, करैलाबाग, मु_ीगंज, कटरा, बेनीगंज, स्टेशन रोड, गौसनगर, खुशहाल पर्वत, कल्याणी देवी आदि क्षेत्रों में आवारा कुत्ते ज्यादा हैं।

जल्द शुरू कराया जाएगा बंध्याकरण

कोविड के कारण पत्रावली की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। पत्रावली प्रक्रिया में है। करीब एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद बंध्याकरण शुरू करा दिया जाएगा। इसके लिए निगम मद से 25 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है।

-मुशीर अहमद, अपर नगर आयुक्त


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