बृजेश के कातिलों की तलाश में एसटीएफ और क्राइम ब्रांच भी लगी
कंधई थाना के मधुपुर मिश्रपुर गांव के शिक्षक सुशील मिश्रा के भाई बृजेश (35) की शनिवार को घर से बाहर बुलाकर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। गांव की रंजिश, मुकदमेबाजी, मुखबिरी और सरकारी गवाह बनने के चलते इस हत्या को अंजाम दिया गया।
प्रयागराज : प्रतापगढ़ जनपद में शिक्षक के भाई बृजेश मिश्रा के कातिलों तक पुलिस अभी नहीं पहुंच सकी है। उनकी तलाश में थाने की पुलिस के साथ ही एसटीएफ और क्राइम ब्रांच को भी लगा दिया गया है। टीमों ने कई जगह दबिश दी है। दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कंधई थाना के मधुपुर मिश्रपुर गांव के शिक्षक सुशील मिश्रा के भाई बृजेश (35) की शनिवार को घर से बाहर बुलाकर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। गांव की रंजिश, मुकदमेबाजी, मुखबिरी और सरकारी गवाह बनने के चलते इस हत्या को अंजाम दिया गया। यह बात परिजन और पुलिस दोनों ही मानते हैं। गांव के बीच जिस तरह से हत्या की गई वह पुलिस के लिए चुनौती है। शायद इसी वजह से कातिलों तक पहुंचने के लिए एसटीएफ को भी लगा दिया गया है। एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट ने शनिवार की रात घटना स्थल, आस-पास घूमकर सुराग जुटाए। इसके बाद जोतिया गांव स्थित मुख्य हत्यारोपित शमशाद उर्फ गुड्डू के घर भी गई। क्राइम ब्रांच और थाने की पुलिस ने भी सहयोग किया। आरोपित के घर उसकी मां मिली, जिससे एसटीएफ और पुलिस ने पूछताछ की। उसके संभावित ठिकानों, रिश्तेदारों, दोस्तों आदि के बारे में जानकारी एकत्र की। कोड़रा गांव में एक युवक को हिरासत में लेने के दौरान उसकी मां ने विरोध किया। आरोप है कि पुलिस ने महिला की पिटाई की और युवक को हिरासत में ले लिया। शिक्षक सुशील के घर पहुंचकर उसने भी जानकारी ली। पुलिस को उन्होंने बताया कि एचसीपी पर हुए हमले में सरकारी गवाह बनने से बृजेश लोगों के निशाने पर आ गया था। हत्या की मुख्य वजह यही लग रही है। सीओ पट्टी जीडी मिश्र का कहना है कि हत्यारोपित की खोजबीन की जा रही है। एसटीएफ भी लगी है। जल्द ही सफलता मिलेगी। थानाध्यक्ष कंधई राकेश कुमार का कहना है कि परिजनों का सहयोग नहीं मिल रहा है। पुलिस अपने सूत्रों से तथ्य जुटाकर आगे बढ़ रही है। हब्बू की जोरशोर से तलाश :
बृजेश हत्याकांड में वैसे तो शातिर हब्बू का नाम मुकदमे में नहीं आया है, लेकिन इसके पीछे उसका हाथ माना जा रहा है। बृजेश कभी हब्बू का करीबी था। कुछ घटनाओं में शमशाद भी उसके साथ था। बीच में मनमुटाव होने पर सब अलग हो गए थे। ऐसे में यह हत्या इन्हीं बदमाशों के आपसी मतभेद के कारण हुई है, यह बात एसटीएफ भी तय मानकर चल रही है। यही कारण है कि एसटीएफ जोरशोर से एक लाख के इनामी शातिर बदमाश हब्बू की तलाश कर रही है। उसके मिल जाने पर हत्या से पर्दा उठते देर न लगेगी। हब्बू का नाम कोहड़ौर में जुलाई व्यापारी भाईयों कि हत्या और जगेसरगंज बैंक डकैती में प्रमुखता से आया था। अब तक यह पकड़ में नहीं आया है। गांव में दहशत, घर पर सन्नाटा :
सनसनीखेज हत्या के दूसरे दिन भी कंधई मधुपुर मिश्रपुर गांव में दहशत छाई रही। बदमाशों की गोलियों से मारे गए बृजेश के घर सन्नाटा पसरा रहा। केवल घर के लोग ही दिख रहे थे। बृजेश के दो मासूम बच्चे भी अपने में खोए दिखे। रविवार को दिन में करीब तीन बजे जागरण टीम ने मृतक के घर पर नजर डाली तो पुलिस कर्मी नजर नहीं आए। हत्या के बाद एएसपी पूर्वी ने उसके घर पर दो सशस्त्र सिपाहियों को सुरक्षा में तैनात किया था। वह कहीं और रहे, लेकिन शिक्षक के दरवाजे पर नहीं दिखे। इसकी सफाई में थानाध्यक्ष राकेश कुमार का कहना है कि पुलिस कर्मी इधर-उधर से भी बृजेश के घर पर नजर रखे हुए हैं। कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखेगा तो हिरासत में ले लिया जाएगा। जाम लगाने वालों पर मुकदमा :
बृजेश का शव रखकर किशुनगंज बाजार में शनिवार को जाम लगाने वालों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसमें 20 नामजद और 50-60 अज्ञात लोग आरोपित बनाए गए हैं। यह मुकदमा थानाध्यक्ष कंधई ने दर्ज कराया है। हालांकि पुलिस मुकदमा दर्ज होने की बात छिपा रही है। उसे डर है कि कहीं यह बात जानने के बाद आरोपित भाग न जाएं। उधर थाने के कुछ भेदियों ने कई लोगों को यह बात बता दी है, जिससे जाम के दौरान रहे लोग घर से पलायन कर रहे हैं।