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State University का नया एकेडमिक कैलेंडर जारी, अनिवार्य की गई आंतरिक परीक्षा

राज्य विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 का नया एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है। साथ ही परीक्षा को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी की गई है। यह गाइडलाइन सत्र 2021-22 से स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं पर लागू होगी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 07:02 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 07:02 AM (IST)
तीन में दो आंतरिक परीक्षा नहीं देने पर परीक्षार्थी को होंगे अनुपस्थित

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 का नया एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है। साथ ही परीक्षा को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी की गई है। यह गाइडलाइन सत्र 2021-22 से स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं पर लागू होगी। रजिस्ट्रार एसके शुक्ल ने कुलपति प्रोफेसर अखिलेश सिंह की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद यह कैलेंडर जारी किया है।

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नए कैलेंडर के मुताबिक सेमेस्टर प्रणाली के छात्र-छात्राओं को परीक्षा के लिए 21 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद 11 नवंबर से 18 नवंबर के बीच पहली आंतरिक परीक्षा कराई जाएगी। फिर 16 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच दूसरी आंतरिक परीक्षा और 10 जनवरी से 15 जनवरी के बीच तीसरी आंतरिक परीक्षा कराई जाएगी। इसके बाद 24 जनवरी से 28 फरवरी के बीच सेमेस्टर और प्रायोगिक परीक्षाएं कराई जाएंगी। वार्षिक प्रणाली के लिए 21 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। फिर 22 नवंबर से 30 नवंबर तक पहली आंतरिक परीक्षा, 17 जनवरी से 22 जनवरी तक दूसरी आंतरिक परीक्षा और सात मार्च से 12 मार्च के बीच तीसरी आंतरिक परीक्षा कराई जाएगी। फिर 25 अप्रैल से 31 मई के बीच वार्षिक और प्रायोगिक परीक्षाएं कराई जाएंगी।

तीन में दो आंतरिक परीक्षा अनिवार्य

कुलपति प्रोफेसर अखिलेश सिंह ने बताया कि नए कैलेंडर के मुताबिक सभी विषयों के प्रश्नपत्र 100 अंक के होंगे। जिनको क्रेडिट एवं ग्रेडिंग प्रणाली के आधार पर परिवर्तित कर अंकपत्र तैयार किए जाएंगे। सभी विषयों की परीक्षाएं 25 फीसद सतत आंतरिक मूल्यांकन एवं 75 फीसद बाह्य के आधार पर की जाएगी। प्रत्येक सत्र के दौरान आंतरिक मूल्यांकन के तीन अवसर दिए जाएंगे। न्यूनतम दो आंतरिक मूल्यांकन लिखित परीक्षा एवं तीसरा आंतरिक मूल्यांकन लिखित, सेमिनार, प्रस्तुतिकरण आदि के रूप में होगा। लिखित परीक्षा वर्णनात्मक प्रकार की होगी। खास बात यह है कि प्रायोगिक विषयों के लिए भी तीन आंतरिक मूल्यांकन होंगे। प्रत्येक विद्यार्थी को दो आंतरिक मूल्यांकन में शामिल होना अनिवार्य है। अन्यथा उस प्रश्नपत्र में विद्यार्थी को अनुपस्थित माना जाएगा। तीन में दो सर्वश्रेष्ठ प्राप्तांक को बाह्य मूल्यांकन में पाए गए प्राप्तांकों के साथ जोड़ा जाएगा।

मूल्यांकन के बाद छात्रों का फीडबैक जरूरी

आंतरिक मूल्यांकन फीडबैक आधारित होगा। मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका विद्यार्थी को दिखाने एवं उसकी संतुष्टि के बाद वापस ली जाएगी। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद संबंधित संस्था द्वारा कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखी जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा इनका आवश्यकतानुसार परीक्षण किया जा सकता है। आंतरिक मूल्यांकन के संदर्भ में संबंधित शिक्षक का निर्णय अंतिम होगा।


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