पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए राज्य कर्मचारी आंदोलित हैं, प्रयागराज में हो रहा विरोध
कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया था कि बहुत से कर्मचारियों शिक्षकों को प्रशासनिक कारणों से नियुक्त पत्र देरी से प्राप्त हुआ। इसकी वजह से उन्हें नई पेंशन योजना से जोड़ा गया है जब कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाना चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन। पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए राज्य कर्मचारी आंदोलित हैं। उनका कहना है कि नई पेंशन योजना को खत्म किया जाए। इन्हीं कर्मचारियों में कुछ ऐसे हैं जिन्हें पुरानी पेंशन योजना में नहीं शामिल किया गया है जब कि वह खुद को इसका पात्र बताते हैं। इसके हवाले में कहते हैं कि भारत सरकार के पेंशन विभाग की ओर से 17 फरवरी 2020 को एक पत्र जारी किया गया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि नई पेंशन योजना लागू होने की तिथि दिनांक एक जनवरी 2004 है।
इसके पूर्व जो भी परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है और रिक्तियां भी पूर्व की हैं, उसमें चयनित अभ्यर्थी पुरानी पेंशन के पात्र होंगे। भले ही विभागीय देरी के कारण नियुक्ति बाद में मिली हो। हां यदि कर्मचारी स्वयं नई पेंशन योजना में जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं।
प्रशासनिक कारणों से देरी का भुगत रहे कर्मचारी नुकसान
इस संबंध में कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया था कि बहुत से कर्मचारियों, शिक्षकों को प्रशासनिक कारणों से नियुक्त पत्र देरी से प्राप्त हुआ। इसकी वजह से उन्हें नई पेंशन योजना से जोड़ा गया है जब कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाना चाहिए। कुछ कर्मचारियों का यह भी कहना है कि कई कर्मचारियों की लिखित परीक्षा, साक्षात्कार, परिणाम नियत तिथि से पूर्व घोषित किया गया लेकिन ज्वाइनिंग एक जनवरी 2004 के बाद हुई।
सत्यापन में देरी की वजह से पिछड़े कर्मचारी
पुरानी पेशन योजना के संदर्भ में कर्मचारियों का यह भी कहना है कि परीक्षा परिणाम आने के बाद पुलिस सत्यापन में देरी, चिकित्सीय परीक्षण न मिलने आदि के चलते उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पिछड़ गई। अब पुरानी पेंशन से वंचित होना पड़ रहा है। जब कि कुछ कर्मचारियों ने कोर्ट की शरण ली तो उन्हें इसका लाभ भी मिल रहा है।