SRN Hospital in Prayagraj: स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के पीकू बना दूसरा चिल्ड्रेन अस्पताल
SRN Hospital in Prayagraj कोरोना की तीसरी की लहर की आशंका के चलते राज्य सरकार के निर्देश पर एसआरएन परिसर में बने 100 बेड के पीकू की उपयोगिता फिलहाल नजर नहीं आ रही। ऐसे में पीकू को ही गंभीर हालत वाले बच्चों को भर्ती करने के लिए चुना गया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज का मंडलीय स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) की पीएमएसएसवाई बिल्डिंग में 100 बेड का पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में अब मौसमी बीमारी से ग्रसित गंभीर हालत वाले बच्चे भर्ती किए जाएंगे। हालांकि इसमें उन्हीं बच्चों को भर्ती किया जाएगा, जिन्हेंं आकस्मिक स्थिति में इलाज के लिए चिल्ड्रेन अस्पताल में बेड नहीं मिल पाता। पीकू मंगलवार से पूरी तरह से क्रियाशील कर दिया गया है। इस नए अस्पताल का उद्घाटन किया गया। बच्चे भी भर्ती हुए।
अब चिल्ड्रेन अस्पताल में बेड की नहीं होगी कमी
सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय यानी चिल्ड्रेन अस्पताल में अक्सर बच्चों को भर्ती करने के लिए बेड की कमी बनी रहती है। गंभीर हालत में लाए जाने वाले बच्चों को उनकी जान पर आई आफत को देखते हुए एक बेड पर दो से तीन बच्चों को भी भर्ती करने की मजबूरी रहती है। इसके पीछे मंशा यही होती है कि बच्चों को बिना इलाज लौटाया न जाए। इसके बाद भी बेड की कमी पड़ जाती है। आजकल मौसमी बीमारियों से बच्चों पर आफत आ रही है, चिल्ड्रेन अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग रही है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से एसआरएन में पीकू वार्ड
कोरोना की तीसरी की लहर की आशंका के चलते राज्य सरकार के निर्देश पर एसआरएन परिसर में बने 100 बेड के पीकू की उपयोगिता फिलहाल नजर नहीं आ रही। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों ने जिलाधिकारी की सहमति से पीकू को ही गंभीर हालत वाले बच्चों को भर्ती करने के लिए चुना गया है।
मंडलायुक्त ने भी दी थी सहमति
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरएस ठाकुर, चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष डा. मुकेशवीर सिंह ने इस योजना पर मंथन किया और पीकू का निरीक्षण भी किया था। मंडलायुक्त से भी बात कर पीकू को इमरजेंसी में बच्चों के लिए इस्तेमाल करने की सहमति बन गई।
चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष बोले
चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष डा. मुकेशवीर सिंह ने बताया कि चिल्ड्रेन अस्पताल में इन दिनों बच्चों के इमरजेंसी केस काफी आ रहे हैं, बेड कम पड़ जाते हैं। कई बच्चों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर की जरूरत भी पड़ती है। पीएमएसएसवाई बिल्डिंग के पीकू वार्ड में वेंटिलेटर पर्याप्त हैं। इसलिए पीकू को फौरी तौर पर चिल्ड्रेन अस्पताल के इमरजेंसी सेवा के तौर पर इस्तेमाल किए जाने पर सहमति बनी है। बताया कि मंगलवार को इसका उद्घाटन हुआ। इसके साथ ही चिल्ड्रेन अस्पताल से उन बच्चों को पीकू के लिए रेफर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई, जिन्हेंं आकस्मिक स्थिति में भर्ती करने की जरूरत है।
सीएमओ भी उपलब्ध कराएंगे पीडियाट्रीशियन
बाल रोग विशेषज्ञ यानी पीडियाट्रीशियन मेडिकल कालेज और सीएमओ की तरफ से उपलब्ध कराए जाएंगे। कुछ डाक्टर सीएमओ की तरफ से और कुछ चिल्ड्रेन अस्पताल के रहेंगे। पीकू में डाक्टरों की टीम मौजूद रहेगी। जो बच्चे पीकू में इलाज के बाद खतरे के दायरे से बाहर हो जाएंगे उन्हेंं चिल्ड्रेन अस्पताल भेजकर वहीं वार्ड में भर्ती करा दिया जाएगा।