सिर्फ 18 रिजर्वेशन के साथ स्पेशल ट्रेन मंडुवाडीह रवाना
जागरण संवाददाता प्रयागराज माघ मेले के लिए एनसीआर की तीन और पूर्वोत्तर की दो मेला स्पेशल ट्रेनों महज 70 लोगों ने रिजर्वेशन टिकट पर सफर किया।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज: माघ मेले के लिए एनसीआर की तीन और पूर्वोत्तर की दो मेला स्पेशल ट्रेंनों में महज 170 लोगों ने रिजर्वेशन टिकट पर सफर किया। जबकि उत्तर रेलवे की ओर से कोई मेला स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई गई।
माघ मेले के पहले मुख्य स्नान पर्व मकरसंक्रांति पर बुधवार को श्रद्धालु यात्रियों की संख्या कम नजर आई। 05152 प्रयागराज रामबाग-मंडुवाडीह स्पेशल 07:20 बजे स्पेशल प्रयागराज रामबाग से 18 यात्री लेकर रवाना हुई। इसके बाद सुबह 11:00 बजे 05154 प्रयागराज रामबाग-मंडुवाडीह स्पेशल 24 यात्री लेकर गई। 04117 प्रयागराज-कानपुर सेंट्रल मेला स्पेशल शाम 03:30 बजे प्रयागराज जंक्शन से 55 यात्रियों को लेकर गई। 04122 प्रयागराज-सतना मेला स्पेशल दोपहर 02:30 बजे प्रयागराज जंक्शन से 50 यात्री और 04120 प्रयागराज जं.-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. मेला स्पेशल शाम 03:00 बजे प्रयागराज जंक्शन से 23 लोगों ने आरक्षित टिकट पर सफर किया। उधर मेला क्षेत्र में लगाए गए एनसीआर के शिविर में 33 लोगों ने आरक्षण कराया।
पिछली बार एनसीआर के प्रयागराज जंक्शन से मंकरसंक्रांति के दिन करीब 11 हजार यात्रियों ने अनारक्षित टिकट पर सफर किया था। प्रयाग जंक्शन से 3105 जरनल टिकट बिके थे और रामबाग में 1773 लोगों ने ट्रेन से यात्रा करने के लिए जरनल टिकट खरीदा था। लेकिन, इस बार कोरोना काल में अनारक्षित टिकट पर सफर करने की अनुमति नहीं है। इसलिए दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं में निराशा है। इनसेट:
पीआरएस काउंटर न होने से भी दिक्कत
माघ मेले में स्नान के लिए ज्यादातर आसपास जिले के लोग ही आते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना काल की वजह से कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करना भी अनिवार्य है। बगैर रिजर्वेशन कराए ट्रेन में सफर करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में छोटे स्टेशनों से यात्रा करने वालों को मायूस होना पड़ा। क्योंकि छोटे स्टेशनों पर प्रिंटेड रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) काउंटर नहीं हैं। ट्रेन से प्रयाग आने के लिए उन्हें जिद्दोजहद करनी होगी। इसके अलावा रिजर्वेशन के लिए 15 रुपये अतिरिक्त भी देना होगा। फिर भी आरक्षित टिकट खरीदने को उन्हें निजी साधन का सहारा लेना होगा। इस बार लंबी व महंगी प्रक्रिया से स्नानार्थी मायूस हैं।