भारतीय सेना की बहादुरी का बखान करने निकले जवान
1947 की घटना की याद दिलाते हुए भारतीय सेना की बहादुरी को बयां करते झारखंड से साइकिल से जवान दिल्ली की ओर जा रहे हैं। इलाहाबाद पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया।
इलाहाबाद : साइकिल सवार भारतीय सेना के जवान किसी लड़ाई में नहीं बल्कि, 27 अक्टूबर 1947 की घटना की याद दिला रहे हैं। सेना की बहादुरी को बयां कर रहे हैं। उस दिन कश्मीर में क्या हुआ है यह बताने के लिए इन जवानों ने अनूठी पहल की है। 10 दिन के लिए यह साइकिल पर सवार हुए हैं। स्कूली छात्र-छात्राओं समेत आमजन को यह उस घटना व भारतीय सेना की बहादुरी के बारे में बता रहे हैं।
झारखंड के रामगढ़ से निकली यह साइकिल यात्रा दिल्ली में समाप्त होगी। प्रयाग भी इसका साक्षी बना। यह जवान रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को दिल्ली के रवाना हुई। लेफ्टिनेंट कमांडर विनीत कुमार के नेतृत्व में नौ जवानों की टोली साइकिल पर सवार होकर झारखंड से सात अक्टूबर को रवाना हुई। गया, सासाराम, वाराणसी होते हुए इलाहाबाद पहुंचे। रास्ते में स्कूल, कॉलेज, एनसीसी कैंप आदि जगहों पर रुक कर लोगों को 1947 की घटना के बारे में बताते हैं। इस साहसिक घटना को लोग याद रखें इस उद्देश्य से यह साइकिल यात्रा निकाली गई है। टीम में नायक कुलविंदर सिंह, शैलेश, हरिजीत, गुरुप्यार, विक्रम, विक्की, लवप्रीत व भूपेंद्र शामिल हैं।
भारतीय सेना ने दिखाया था दम :
लेफ्टिनेंट कर्नल विनीत कुमार ने बताया कि, 1947 में यही वह महत्वपूर्ण दिन था जब जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तानी सेना ने हमला बोल दिया था। तब भारतीय सेना की पहली बटालियन सिख इन्फेंट्री बटालियन श्रीनगर फील्ड में उतरी और दुश्मन से कश्मीर घाटी को आजाद कराने के लिए एक साहसिक युद्ध लड़ा। इन्फेंट्री द्वारा इस वीरता के जश्न को मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 27 अक्टूबर को 'इन्फेंट्री डेÓ मनाया जाता है। इस बार साइकिल यात्रा निकाली गई है।