तगड़ी घेराबंदीः देशभर में ब्लैक लिस्टेड होंगे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छह छात्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों के साथ अभद्रता, आगजनी, तोडफ़ोड़, बवाल करने के दोषी छात्रों को देशभर में ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी हो गई है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों के साथ आए दिन कैंपस में अभद्रता, आगजनी, तोडफ़ोड़, बवाल करने वाले दोषी छात्रों से विश्वविद्यालय प्रशासन सख्ती से निपटने के मूड में है। विश्वविद्यालय प्रशासन और इलाहाबाद टीचर एसोसिएशन ने तगड़ी घेरेबंदी कर दी है। निलंबन की कार्रवाई पहले ही हो चुकी थी। डीन आर्ट्स प्रो.केएस मिश्रा के साथ अभद्रता व मारपीट, 28 अप्रैल को विश्वविद्यालय के विधि संकाय में की गई तोडफ़ोड़, आगजनी, हिंसा के आरोप में छह छात्रों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। अब दोषियों को देशभर के विश्वविद्यालयों में ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी है।
तस्वीरों में देखें-परेशानी बढ़ाता यूपी की नदियों का पानी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को पत्र लिखकर आरोपियों को किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश न देने की बात कही गई है। इसके अलावा कैंपस में छात्र संगठनों की अराजकता का मसला फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन की दिल्ली बैठक में भी रखा जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने 13 जुलाई गुरुवार अराजकतत्वों पर अनुशासन का डंडा चलाया। कुलपति प्रो.रतनलाल हांगलू के आदेश पर छह छात्रों को अराजक मानते हुए उन्हें काली सूची में डाल दिया है। कुलपति के आदेश पर चीफ प्रॉक्टर प्रो.राम सेवक दुबे ने छह छात्रों को काली सूची में डाल दिया है। यह हैं वह छात्रः-
- आनंद कुमार सिंह निक्कू
- अंकुश यादव
- नीरज प्रताप सिंह
- विक्रांत सिंह
- सूर्य प्रकाश मिश्र
- विवेकानंद पाठक
यह भी पढ़ें: हाईवे पर हादसेः अमरोहा में कार ने चार को रौंदा, उन्नाव में प्रेमी युगल की मौत
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की अनुशासन संहिता के मुताबिक काली सूची में डाले गए लोगों को विश्वविद्यालय में हमेशा के लिए प्रवेश, प्रवेश परीक्षाफल व उपाधियों के वितरण पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही ऐसे छात्रों के चरित्र प्रमाण पत्र भी विश्वविद्यालय रोक लगा दी है।