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करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को चूना लगा रहा शुआट्स, मामला ठंडे बस्ते में Prayagraj News

शुआट्स कुलपति के बेटे बहू समेत अन्य की महत्वूपर्ण पदों पर नियुक्ति मामला ठंडे बस्ते में पहुंच गया है। वर्ष 2016-17 में 17 करोड़ 79 लाख रुपये वेतन के रूप में शासन ने निर्गत किया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 10:12 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 10:12 AM (IST)
करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को चूना लगा रहा शुआट्स, मामला ठंडे बस्ते में Prayagraj News
करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को चूना लगा रहा शुआट्स, मामला ठंडे बस्ते में Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्‍नॉलाजी एंड साइंसेज (शुआट्स) में वर्ष 1998 से लेकर 2016 तक असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी। मामले की शिकायत मिलने पर जांच भी शुरू हुई। कमिश्नर डॉ. आशीष गोयल की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि 222 शिक्षकों की भर्ती में 69 शिक्षकों की नियुक्ति में गोलमाल किया गया है।

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भाजपा नेता की शिकायत पर जांच कमेटी हुई थी गठित

दरअसल, भाजपा नेता दिवाकर नाथ त्रिपाठी की शिकायत पर वर्ष 2017 में कमिश्नर के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई थी। कमेटी में अपर आयुक्त प्रथम, अपर आयुक्त वित्त राजस्व परिषद और संयुक्त निदेशक कृषि सदस्य थे। कमेटी ने वर्ष 1998 से लेकर 2016 तक की शिक्षक भर्तियों की जांच की। जांच पूरी होने के बाद आठ नवंबर 2017 को कमिश्नर ने प्रमुख सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान अनुभाग उत्तर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजी। उसमें यह स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान की शिक्षक भर्तियों में बड़े पैमाने पर खेल किया गया।

नौकरी देने में नियमों की अनदेखी

नियमों को ताक पर रखकर संस्थान के कुलपति के करीबियों को रेवड़ी की तरह नौकरी बांट दी गई। इस दौरान हुई भर्तियों में संस्थान के कुलपति आरबी लाल के बेटे व बहू, निदेशक विनोद बी लाल के बेटे के अलावा रजिस्ट्रार रॉबिन एल प्रसाद समेत 69 प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक 20 प्रोफेसरों की नियुक्ति में केवल एक ही आवेदन आया, जिनका चयन भी कर लिया गया है।

हर साल करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को चपत लग रही है

कमिश्नर की जांच रिपोर्ट कृषि अनुसंधान केंद्र को सौंपी गई। इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जांच रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश शासन की ओर से कुल 17 करोड़ 79 लाख रुपये का बजट वेतन भुगतान के रूप में निर्गत किया गया। ऐसे में हर साल करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को चपत लग रही है।


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