83 वर्षीय शूटर दादी ने उभरते खिलाड़ियों को दिए सफलता के मंत्र Prayagraj News
सटीक निशाने लगाने के बाद दादी ने निशानेबाजी में ध्यान देना शुरू किया। देखते ही देखते उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और कई पदक भी जीते।
प्रयागराज, जेएनएन। शूटिंग में 25 नेशनल चैंपयिनशिप जीतकर शूटर दादी के नाम से पहचान बनाने वाली उप्र के बागपत जिले के जोहरी गांव की चंद्रो तोमर शुक्रवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता 'अस्मिता' का उद्घाटन करने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने खिलाडिय़ों को देशी भोजन और प्रतिदिन एक घंटे खेल के लिए समय निकालने की नसीहत दी।
2001 में दादी ने ली शूटर बनने की ट्रेनिंग
छह बच्चों और 15 पोते-पोती वाली 83 साल की चंद्रो तोमर रिवाल्वर चलाने में माहिर हैं। उन्होंने छात्रों को अपने शुरुआती कॅरियर के बारे में जानकारी दी। बताया कि वर्ष 2001 में वे अपनी पोती को गांव की ही शूटिंग रेंज में शूटिंग सिखाने जाती थी। एक दिन पोती ने कहा कि दादी आप भी निशाना लगाकर देखो। इस पर उन्होंने 2-3 निशाने एक दम सही लगाए। जब राइफल क्लब के कोच ने दादी को यूं शूटिंग करते देखा तो वह दंग रह गए। इसके बाद उन्होंने दादी को शूटर बनने की ट्रेनिंग दी।
दादी ने निशानेबाजी में ध्यान देना शुरू किया
सटीक निशाने लगाने के बाद दादी ने निशानेबाजी में ध्यान देना शुरू किया। देखते ही देखते उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और कई पदक भी जीते। उन्होंने बताया कि समाज में ताने भी सुनने पड़े। गांव वाले उनका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि बुढिय़ा इस उम्र मे कारगिल जाएगी क्या? लेकिन उन्होंने किसी की बातों पर ध्यान नहीं दिया। आज सारी दुनिया उनके इस फैसले का नतीजा देख रही है। उन्होंने कहा कि यदि आप अच्छा खेलेंगे तो तारे की तरह चमकेंगे।
खेलकूद प्रतियोगिता में 570 से अधिक छात्र-छात्राएं करेंगे प्रतिभाग
प्रो. टी लाहिड़ी ने कहा शिक्षण संस्थानों में इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से छात्रों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आती है। समन्वयक डॉ. सुनील यादव ने बताया कि तीन दिन चलने वाली खेलकूद प्रतियोगिता में 570 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नेता जी सुभाष यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी दिल्ली, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान भागलपुर, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर, आरइसी अंबेडकर, बाबू बनारासीदास विश्वविद्यालय लखनऊ, एमएनएनआइटी, एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय प्रयागराज, शंभूनाथ इंजीनियरिंग कालेज की टीम भाग ले रही हैं।