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अल्लाह के बंदों के मुंह से झरते हैं श्लोक

अखिल भारतीय स्तर पर बात करें तो सत्र 2018-19 में देशभर में स्थापित विद्या भारती के 26204 विद्यालयों में 82, 836 मुस्लिम छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 02:52 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 02:52 PM (IST)
अल्लाह के बंदों के मुंह से झरते हैं श्लोक
अल्लाह के बंदों के मुंह से झरते हैं श्लोक

प्रयागराज : दिल में अल्लाह की वहदानियत (एकेश्वरवाद) का यकीन और जुबान पर गीता के श्लोक। विद्या भारती के अखिल भारतीय संस्थान के विद्यालयों में अध्ययनरत हजारों मुस्लिम छात्र-छात्राओं की दिनचर्या में सनातन धर्म के महत्वपूर्ण संस्कार शामिल हैं।

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खास बात यह है कि इन्हें सरस्वती व गणेश वंदना, गीता के श्लोक एवं संस्कृत की तमाम कहावतें जुबानी याद हैं। सरस्वती विद्या मंदिर में अध्ययनरत मुस्लिम धर्म से जुड़े छात्र छात्राएं इस्लामी धर्म के अरकान के अनुसार कलमा, नमाज, रोजा सहित तमाम मजहबी पहलू निर्धारित तरीके और वक्त पर अदा करते हैं।

इसी के साथ पढ़ाई के दौरान ये सनातन धर्म के संस्कार भी सीखते हैं। बेहतर सेहत के लिए विद्यालयों में योग अधिकतर छात्रों की दिनचर्या में शामिल रहता है। अखिल भारतीय स्तर पर बात करें तो सत्र 2018-19 में देशभर में स्थापित विद्या भारती के 26204 विद्यालयों में 82, 836 मुस्लिम छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। प्रदेश के चारों प्रात अवध, गोरक्ष, काशी और कानपुर में यह संख्या 9713 है। इस वर्ष बढ़े 20 हजार विद्यार्थी :

पिछले सत्र में मुस्लिम छात्र-छात्राओं की संख्या 62,195 थी। उत्तर प्रदेश के जिलों में स्थापित विद्या भारती के अखिल भारतीय शिक्षा संस्थानों में 9317 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में 3816 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। विद्या भारती शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रदेश निरीक्षक बाके बिहारी पांडेय का कहना है कि विद्या भारती के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को संस्कारवान बनाने की शिक्षा दी जाती है। अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों पर समान रूप से ध्यान दिया जाता है। बच्चों में राष्ट्रवाद की भावना उत्पन्न हो, इसके लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रयास चलता है। बढ़ती है धर्म के प्रति आस्था :

घर परिवार में कुरान, नमाज सहित मजहब से जुड़े तमाम पहलू नियमित चलते हैं। विद्यालय में सरस्वती वंदना, ओम् का जाप, गीता के श्लोक और रामायण-महाभारत के पाठ में समान रूप से हिस्सा लेते हैं। इससे अपने धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है।

जैनब खातून, कक्षा-10, रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या मंदिर, प्रयागराज। टूटते हैं धर्मो के बीच के मिथक :

विद्यालय में प्रात:कालीन प्रार्थना से लेकर नियमित आयोजित होने वाले धार्मिक एवं परंपरागत आयोजन हमारी दिनचर्या का हिस्सा हैं। हमें अपने धर्म में पूरी आस्था है, लेकिन हिंदू धर्म के बारे में करीब से जानने को मिलता है, कई मिथक भी टूटते हैं।

शबनम, कक्षा 9, रानी रेवती देवी विद्या मंदिर, प्रयागराज।


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