UPRTOU ने प्रदेश के किन्नरों को निश्शुल्क पढ़ाने का जिम्मा लिया, जेल कैदियों को भी मिलेगी छूट Prayagraj News
प्रदेश के किन्नरों की शिक्षा का जिम्मा उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने उठाया है। इस अनूठी पहल के साथ ही जेल में बंद कैदियों को भी 75 फीसद शुल्क में छूट मिलेगी।
प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। अब प्रदेश के किन्नर पढ़-लिख कर अपडेट बन सकेंगे। समाज में उपेक्षित किन्नर वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा दिलाने की दिशा में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने बड़ी पहल की है। अब मुक्त विवि उत्तर प्रदेश के किन्नरों को मुफ्त में शिक्षा ग्रहण कराएगा। यह फैसला छह फरवरी को हुई कार्य परिषद की बैठक में लिया गया। प्रदेश भर के सभी अध्ययन केंद्रों में नए सत्र से यह फैसला लागू भी हो जाएगा। इसके अलावा जेल में बंद कैदियों के शुल्क में 75 फीसद की छूट दी गई है।
समाज में उपेक्षित किन्नर चाहकर भी पढ़ाई नहीं कर पाते
मुविवि के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने बताया कि किन्नर वर्ग हमेशा से समाज में उपेक्षित रहा है। हालात यह हैं कि वह अपनी पहचान छिपाने को मजबूर हैं। समाज में यदि कहीं किन्नर जन्म भी लेते हैं तो घरवाले उन्हें पढ़ाने के बजाय किन्नर समुदाय को सौंप देते हैं। आय को कोई साधन न होने के चलते वह आर्थिक रूप से भी कमजोर रहते हैं। वह चाहकर भी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। मुविवि ने किन्नर वर्ग को मुफ्त में पढ़ाने की योजना बनाई और इस मसले को छह फरवरी को आयोजित कार्य परिषद की बैठक में प्रमुखता से उठाया। बैठक में सदस्यों ने भी सर्वसम्मति से इस फैसले पर मुहर लगा दी है।
जेल के कैदियों के लिए 75 फीसद फीस में मिलेगी छूट
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने बताया कि अब नए शैक्षणिक सत्र से किन्नरों को मुफ्त में दाखिला मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जेल में बंद कैदियों का भी विश्वविद्यालय ने विशेष ख्याल रखा है। कैदी जेल में रहकर यदि पढ़ाई करना चाहते हैं तो फीस में 75 फीसद की राहत दी गई है।
1200 अध्ययन केंद्रों पर लागू होगी व्यवस्था
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएन सिंह ने बताया कि यह नई व्यवस्था उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित करीब 1200 अध्ययन केंद्रों पर यह नई व्यवस्था लागू होगी। इसके लिए सभी अध्ययन केंद्रों को भी निर्देशित कर दिया गया है। प्रो. सिंह ने बताया कि अब तक किसी भी विवि ने किन्नरों को इस तरह की राहत नहीं दी है। मुविवि पहला ऐसा संस्थान है, जो किन्नरों और कैदियों को स्वावलंबी बनाने के लिए इस तरह का कदम उठाया है।
बोले उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह कहते हैं कि कार्य परिषद की बैठक में किन्नरों और जेल में बंद बंदियों को पढ़ाई के लिए यह निर्णय लिया गया है। किन्नरों को मुविवि के सभी अध्ययन केंद्रों पर निश्शुल्क शिक्षा दी जाएगी। साथ ही बंदियों को भी फीस में राहत दी गई है।