प्रयागराज-वाराणसी व गोरखपुर का सफर आसान होगा, 80 लाख से गंगा पर बने शास्त्री ब्रिज की होगी रिपेयरिंग
प्रयागराज में गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल पर भारी वाहनों के आवागमन के कारण पुल की मैस्टिक उखड़ चुकी है। इसके अलावा कई पुल की बेयरिंग और ग्रीसिंग भी किया जाना है। इस पुल से प्रतिदिन 50 से 60 हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। अब सड़कों की मरम्मत होगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज से वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर सड़क मार्ग से जाने वालों के लिए अच्छी खबर है। गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल के दिन बहुरने वाले हैं। इस महत्वपूर्ण पुल पर वाराणसी मार्ग पर सफर करना दुरूह है। गड्ढे और कटी सड़क से आवागमन करने वालों को परेशानी होती है। अब पुल की सड़कें 80 लाख रुपये से चकाचक होंगी और वाहन सटपट दौड़ेंगे। साथ ही पुल की रिपेयरिंग भी होगी।
हादसे को आमंत्रित कर रही शास्त्री पुल की सड़क : प्रयागराज को वाराणसी से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण शास्त्री ब्रिज जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर का सड़क मार्ग भी जुड़ता है। इसलिए इस पुल सदैव आवागमन होता है। क्या रात, क्या दिन हर समय हल्के और भारी वाहन इस पुल से आवागमन करते हैं। इसलिए इस पर लोड भी अधिक रहता है। इन दिनों शास्त्री पुल के एक ओर की सड़क अधिक खस्ताहाल है। ओवरलोड के कारण यहां की सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जो हादसे को आमंत्रित भी कर रही है।
लोक निर्माण विभाग रिपेयरिंग के दौरान पुल पर आवागमन बंद करेगा : शास्त्री ब्रिज की रिपेयरिंग जल्द कराई जाएगी। इसके लिए 80 लाख रुपये का बजट उपलब्ध हो चुका है। जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद पुल की रिपेयरिंग शुरू कर दी जाएगी। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड तीन की ओर से पुल की रिपेयरिंग को लेकर आवागमन बंद करने के लिए दो माह में चार बार जिला प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है।
प्रतिदिन शास्त्री पुल से 50 हजार वाहन गुजरते हैं : दारागंज से झूंसी के बीच में 2200 मीटर शास्त्री पुल की रिपेयरिंग माघ मेला के बाद यानी मार्च में होनी थी। हालांकि विधानसभा चुनाव और फाफामऊ पुल की रिपेयरिंग होने के कारण इस पुल कि रिपेयरिंग की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी। भारी वाहनों के आवागमन के कारण पुल की मैस्टिक उखड़ चुकी है। इसके अलावा कई पुल की बेयरिंग और ग्रीसिंग भी किया जाना है। इस पुल से प्रतिदिन 50 से 60 हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं।
वर्ष 2018 में शास्त्री ब्रिज की हुई थी रिपेयरिंग : ओवरलोड वाहनों का आवागमन अधिक होने से पुल की मैस्टिक उखड़ गई है। बेयरिंग की ग्रीसिंग न होने से दिसंबर में पुल के एक पिलर की बेयरिंग टूट चुकी है। अधिकारियों को कहना है कि बारिश के पहले अगर मरम्मतीकरण नहीं किया गया तो यह और भी जर्जर हो जाएगा। वर्ष 2018 में इस पुल की रिपेयरिंग हुई थी। दो वर्ष में रिपेयरिंग करना अनिवार्य होता है।