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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती प्रयागराज में बोले, अयोध्या में मंदिर नहीं विहिप का कार्यालय बन रहा

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती प्रयागराज में बोले कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर पर बोले। कहा कि पहले जो न्यास था उसके धर्माचार्य भी राममंदिर बना सकते थे बशर्ते सरकार कहती। उनका कहना है कि वहां तो (अयोध्या में) विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 10:49 PM (IST)
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती प्रयागराज में बोले, अयोध्या में मंदिर नहीं विहिप का कार्यालय बन रहा
शनिवार देर शाम शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी संगमनगरी पहुंचे।

प्रयागराज,जेएनएन। मौनी अमावस्या पर्व नजदीक आते ही माघ मेले में बड़े संत महात्माओं का आगमन शुरू हो गया है। शनिवार  देर शाम शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी संगमनगरी पहुंच गए। मनकामेश्वर मंदिर में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में वह केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमलावर रहे। लॉकडाउन, नोटबंदी के फैसले को गलत बताया। अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर को लेकर विश्व हिंदू परिषद को भी निशाने पर लिया। बोले, अयोध्या में मंदिर नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है।

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हरिद्वार से लेकर प्रयागराज और फिर गंगासागर तक मां गंगा की पवित्रता पर दिया जोर

 मनकामेश्वर मंदिर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का उनके शिष्यों ने मंत्रोच्चार कर स्वागत व पूजन किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने हरिद्वार से लेकर प्रयागराज और फिर गंगासागर तक मां गंगा की पवित्रता पर जोर दिया। इसके बाद अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर पर बोले। कहा कि पहले जो न्यास था, उसके धर्माचार्य भी राममंदिर बना सकते थे, बशर्ते सरकार कहती। उनका कहना है कि वहां तो (अयोध्या में) विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है। राम को भगवान मानने वाले ही असल रूप में मंदिर बनवा सकते हैं। स्वामी वासुदेवानंद का नाम लेते हुए कहा कि जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया है, उन्हें राममंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में धर्माचार्य के रूप में शामिल कर लिया गया।

प्रजा के साथ हर कदम पर अन्याय हो रहा है

इसी चर्चा में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाखुश नजर आए। बोले, प्रजा के साथ हर कदम पर अन्याय हो रहा है। नोटबंदी का फैसला जबर्दस्ती था। लॉकडाउन के अचानक थोपे गए निर्णय से करोड़ों लोग परेशान हुए। किसानों का अनाज खेत में खराब हुआ, व्यापारियों की सामग्री नष्ट हुई और गरीबों का दैनिक व्यापार गया। 

शाम को रहेंगे मेला क्षेत्र में

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का यह प्रवास मौनी अमावस्या स्नान पर्व तक रहेगा। उन्होंने बताया कि वह दिन में मनकामेश्वर मंदिर में रहेंगे और शाम को मेला क्षेत्र स्थित शिविर में जाकर शिष्यों संग सत्संग करेंगे।


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